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सवित्री बाई फुले ने अखिलेश से की मुलाकात, सियासी अटकलें हुईं तेज

locationलखनऊPublished: Dec 30, 2018 02:21:24 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

अगला चुनाव सपा-बसपा के गठबंधन से लडऩे की इच्छा जताई।
 

akhilesh

सवित्री बाई फुले ने अखिलेश से की मुलाकात, सियासी अटकलों का बाजार गर्म

लखनऊ. भाजपा पर लगातार हमला करने वाली बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से यहां मुलाकात की। इस दौरान लोकसभा 2019 के चुनाव को लेकर उन्होंने चर्चा की। माना जा रहा है कि वह अगला चुनाव सपा-बसपा के गठबंधन से लडऩे की इच्छुक हैं। इस मुलाकात के बाद फुले के सपा में जाने की अटकलें तेज हो गईं हैं। लेकिन वहीं सांसद सावित्री बाई फुले ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि अभी कोई ऐसी बात नहीं है, इसमें बिलकुल सच्चाई नहीं है। वहीं अखिलेश यादव ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सावित्री बाई से मुलाकात हुई थी। उन्होंने अपना दुख जताया है। उन्होंने दलित अत्याचार पर अपनी बात रखी है।
पासी न लगाने पर भी एतराज जताया

पिछले दिनों भाजपा से इस्तीफा देने वाली बहराइच से सांसद सावित्री बाई $फुले लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने अनुसूचित जाति व पिछड़े समाज के महापुरुषों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए यहां जीपीओ स्थित डॉ. आंबेडकर प्रतिमा पर धरना दिया। उन्होंने गाजीपुर में जारी डाक टिकट में महाराजा सुहेलदेव के नाम के आगे पासी न लगाने पर भी एतराज जताया। सांसद फुले ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की।
सांसद सावित्री बाई फुले लंबे समय से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल हुए हैं। शनिवार को जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाजीपुर में महाराज सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी करने गए, उसी समय सावित्री फुले राजधानी में धरने पर बैठी थीं। उन्होंने सुहेलदेव के नाम के आगे पासी नहीं लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अनुसूचित जाति के महापुरुषों के साथ भेदभाव कर रही है।
राजा लखन पासी ने बसाया था

लखनऊ को राजा लखन पासी ने बसाया था, लेकिन सरकार इसका नाम लक्ष्मणपुरी करना चाहती है। बाराबंकी और सीतापुर के महाराजा भी पासी थे, लेकिन उनकी अनदेखी की जा रही है। सावित्री बाई फुले ने भाजपा के खिलाफ अनुसूचित जाति, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों की लामबंदी की अपील की।
फुले ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की। माना जा रहा है कि अगला चुनाव वह सपा-बसपा गठबंधन से लडऩे की इच्छुक हैं। उन्होंने अखिलेश को भाजपा के अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग विरोधी फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि संसद के बाहर संविधान की प्रतियां जलाई गईं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने अखिलेश को पिछले एक साल में चलाए गए अभियान के बारे में भी बताया।
उन्होंने अपना दुख जताया है

बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने सपा ज्वाइन करने की खबरों का खंडन,उन्होंने कहा कि सपा में जाने की अभी कोई बात नहीं है। इस बात में बिलकुल सच्चाई नहीं। वहीं अखिलेश यादव ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सावित्री बाई से मुलाकात हुई थी। उन्होंने अपना दुख जताया है। उन्होंने दलित अत्याचार पर अपनी बात रखी है।
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