प्रदेश दहक उठा, बहा खून
मुहर्रम के जुलूस और मूर्ति विसर्जन के एक साथ होने के चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दो पक्षों में भिड़ंत और बवाल देखने को मिला। कानपुर समेत करीब नौ जिलों में बवाल ने बड़ा रूप ले लिया। जहां गोलीबारी, आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की स्थिति को संभालने में तत्काल पुलिस और प्रशासन दोनों ही फेल होते नज़र आए। बवाल बढ़ने के बाद सभी स्थानीय पुलिस व अतिरिक्त फोर्स को कमान संभालने के निर्देश दिए गए। लेकिन इस दौरान कई पक्षों के बीच हुई भिड़ंत में बाइक, दुकानें, रास्ते में मौजूद अधिकत्तर चीजों को जला दिया गया। वहीं पत्थरबाजी में काफी लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए। स्थिति के नियंत्रण के लिए मौजूद फोर्स के कई जवान भी घायल हुई। पुलिस व फोर्स ने आंसू गैस के गोले, हवाई फायरिंग व लाठी चार्ज कर स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की। हालांकि करीब एक दिन बाद सोमवार को स्थिति सभी जिलों में शांत होती नज़र आई।
इन जिलों में हुआ बवाल
कानपुर के परम पुर्वा, रावतपुर बड़े बवाल समेत अम्बेडकरनगर, बलिया, इलाहाबाद पीलीभीत, गोंडा, संभल, कुशीनगर, कौशांबी और मुजफ्फरनगर में भी दो पक्षों में बवाल की घटनाएं सामने आई। कानपुर में पुलिस के वाहनों को भी बवाल के दौरान छोड़ा नहीं गया। उपद्रवियों ने पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। वहीं सभी जिलों में सैकड़ों लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। हालांकि अभी तक किसी के मरने की जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन प्रदेश भर में करोड़ों रूपये की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा है।
तय रूट से आगे बढ़ने पर बवाल
एडीजी आनंद कुमार ने बताया कि ज्यादातर जगहों पर तय रूट से आगे जुलूस के जाने पर बवाल की घटनाएं हुई। रविवार को मूर्ति विसर्जन की यात्रा भी थी। ऐसे में एक रूट पर दोनों के आने पर दोनों पक्षों के बीच एतराज के साथ विवाद हुआ। उन्होंने बताया कि कानपुर में मोहर्रम का जुलूस झंडा चौराहे तक निर्धारित था, लेकिन उसके आगे बढ़ने पर दूसरे पक्ष ने एतराज किया। इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से बवाल खड़ा हो गया। फिर पत्थरबाजी, आगजनी जैसी घटनाएं हुई। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर जिलों में यह वजह ही विवाद का कारण बनी।
24 घंटें बाद स्थिति हुई काबू
प्रदेश भर में कई जिलों में एक साथ बवाल की स्थिति में पुलिस और प्रशासन व्यवस्था रविवार को चरमरा गई थी। डीजीपी कार्यालय लखनऊ से एडीजी आनंद कुमार के कॉडिनेशन के बाद प्रदेश भर में फोर्स ने स्थिति पर काबू करने का प्रयास किया। लेकिन पूरी तरह से शांति व्यवस्था कायम करने में करीब एक दिन का समय लग गया। मंगलवार को फिलहाल सभी जिलों में स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
लखनऊ में बना रहा शांति का माहौल
यूपी की राजधानी में लखनऊ में अन्य जिलों की तरह आग पुलिस व प्रशासन ने नहीं सुलगने दी। पूर्व की घटनाओं से सबक लेते हुए अहम फैसले लिए गए। लखनऊ एसएसपी दीपक कुमार ने मोहर्रम जुलूस और मूर्ति विसर्जन के लिए एक माह पूर्व से ही विशेष तैयारियां शुरू कर दी थी। संवेदशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार से अतिरिक्त फोर्स भी मांगी थी। लखनऊ पुलिस ने चौबीसों घंटें सुरक्षा व्यवस्था पर नज़र बना कर रखी। इसका असर रहा कि राजधानी में मोहर्रम जुलूस और मूर्ति विसर्जन के दौरान की हिंसा नहीं हुई।