जबरन करवाया हस्ताक्षर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद के अनुसार, एसआईटी जांच के बाद यह गिरफ्तारी की गई है। डॉ. अलका राय पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर एम्बुलेंस का पंजीकरण कराने का आरोप है। दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में एक आरोपी राजनाथ यादव की गिरफ्तारी पहले हो हो चुकी है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार, डॉ. अलका राय ने आरोप लगाया था कि माफिया डॉन मुख़्तार ने जबरन उनसे कागजात पर हस्ताक्षर करवाए थे। अलका राय के बयान के आधार पर बाराबंकी पुलिस ने मुख़्तार के खिलाफ साजिश और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। मुख़्तार को 120बी का आरोपी बनाया गया है। इसी आधार पर कार्रवाई की गई है। बिना कागजात और फिटनेस के प्रयोग में लाई गई एंबुलेंस के मामले में बाराबंकी में केस दर्ज किया गया था।
मऊ में भी हुई पड़ताल इस मामले में मऊ की भाजपा नेता डॉक्टर अलका राय के अस्पताल का नाम आने के बाद बाराबंकी पुलिस ने मऊ जाकर पड़ताल की। अलका राय के बयान के आधार पर मऊ के थाना सराय लखनी के अहिरौली गांव निवासी राजनाथ यादव को पकड़ा गया। आरोप है कि राजनाथ ने ही अलका राय पर एंबुलेंस को लेकर दबाव बनाया था। राजनाथ से पूछताछ के बाद बाराबंकी पुलिस ने सोमवार रात मऊ से डॉ. अलका राय और उनके भाई को गिरफ्तार किया है। बाराबंकी पुलिस ने मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉक्टर अलका राय और उनके भाई एसएन राय को गिरफ्तार कर लिया है। एंबुलेंस के फर्जी पंजीकरण दस्तावेजों पर डॉ. अलका राय से साइन कराने वाले मऊ के राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार किया था। राजनाथ यादव के बयान के आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है।