scriptमुख्तार अंसारी की बैरक अब 10 बाडी कैम के दायरे में, अब नहीं लगा सकेगा आरोप | Mukhtar Ansari Barak now Under 10 Body Cam | Patrika News

मुख्तार अंसारी की बैरक अब 10 बाडी कैम के दायरे में, अब नहीं लगा सकेगा आरोप

locationलखनऊPublished: Apr 10, 2022 11:20:56 am

Submitted by:

Snigdha Singh

Mukhtar Ansari Update: बांदा के जेल में कैद मुख्तार अंसारी की बैरक में अब 10 बॉडी कैम लगा दिए गए। आरोपों के चलते नए प्रभारी जेल अधीक्षक ने यह व्यवस्था है। मुख्तार अब तक कोर्ट में जेल में दुर्व्यवहार की शिकायत कर रहा था।

Mukhtar Ansari Barak now Under 10 Body Cam

Mukhtar Ansari Barak now Under 10 Body Cam

बांदा मंडल कारागार की तन्हाई बैरक अब 10 बॉडी कैम की जद में रहेगी। इदसी बैरक में पूर्वांचल के माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को रखा गया है। जेल अधीक्षक प्रभारी वीरेंद्र कुमार वर्मा के अनुसार मुख्तार हर पेशी में कोर्ट के सामने जेल स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप लगाता रहा है। बॉडी कैम के साथ जेल स्टाफ की ड्यूटी होने से इसकी नौबत नहीं आएगी। यह कैमरे जेल स्टाफ के व्यवहार की रिकॉडिंग करते रहेंगे।
तन्हाई बैरक के अंदर दो और बाहर 20 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है। मुख्तार की बैरक के सारे सीसी कैमरों की मानीटरिंग सीधे लखनऊ कमांड आफिस से होती है। सीसी कैमरों की निगरानी में रहने के बावजूद अक्सर मुख्तार अपने साथ अभद्रता और गलत बर्ताव का आरोप निगरानी में लगे सुरक्षाकर्मियों पर लगाता रहता है। इससे निजात पाने को जेल प्रशासन ने मुख्तार की बैरक के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों को बॉडी कैम से लैस किया है। मुख्तार की निगरानी के लिए तीन शिफ्ट में आठ-आठ सुरक्षाकर्मी लगाए जाते हैं। इनमें से पांच कर्मी बैरक के बिल्कुल नजदीक होते हैं।
यह भी पढ़े – कानपुर जिले में भू-माफिया की लिस्ट में पांच ‘भूत’, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

डाक्टर से अभद्रता पर बना था मेडिकल बोर्ड

जेल सूत्रों के मुताबिक मुख्तार को लेकर जेल में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाती है। उसके आचरण से जेलकर्मी परेशान होते हैं। पिछले महीने पेशी पर लखनऊ ले जाने के लिए रात में उसका मेडिकल होना था। इसके लिए जिला अस्पताल से डाक्टर को बुलाया गया। मुख्तार ने डाक्टर पर स्वास्थ्य ठीक न होने की रिपोर्ट देने का दबाव बनाया। डाक्टर से अभद्रता भी की। मुख्तार की इस हरकत पर रात में ही तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था। बोर्ड की रिपोर्ट के बाद उसे लखनऊ ले जाया गया था।
यह भी पढ़े – आखिर उत्तर प्रदेश में किस कानून से चलता है बुलडोजर, कौन देता है निर्देश

आठ घंटे पहले ही चार्जिंग में लग जाते हैं कैम

जेल अधीक्षक प्रभारी वीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कारागार में 10 बॉडी कैम हैं। मुख्तार की बैरक के बाहर निगरानी में तैनात पांच सुरक्षाकर्मियों को बाडी कैम दिया गया है। आठ घंटे की शिफ्ट बदलने पर अगले पांच सुरक्षाकर्मियों को रिजर्व पांच बाडी कैम दिए जाते हैं। इन आठ घंटों में पहले पांच बाडी कैम चार्जिंग में लगा दिए जाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो