ये भी पढ़ें- यूपी में बनेगी देश की सबसे बड़ी और खूबसूरत फिल्म सिटी, कंगना रनौत ने कहा, शुक्रिया याची ने इस प्रकरण में एलडीए और जिला प्रशासन की जारी कार्यवाही को गलत बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली है। दरअसल पहले एक कमेटी का गठन किया गया था, जो डालीबाग में निष्क्रांत संपत्ति की जांच कर के उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट दे रही थी। इस मामले में अब तक जो तथ्य जांच कमेटी के सामने आए हैं, उनमें करीब पांच एकड़ निष्क्रांत भूमि पर लगभग 15 बड़े निर्माण ध्वस्तीकरण के दायरे में हैं। इस रिपोर्ट पर सभी सदस्यों के दस्तख्त हो चुके हैं। जल्द ही इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण को कार्रवाई भी करनी होगी।
ये भी पढ़ें- यूपी में लव जिहाद अब बर्दाश्त नहीं, संघ और विहिप ने खोला मोर्चा, सीएम योगी लाएंगे कानून वहां की करीब पांच एकड़ भूमि निषक्रांत भूमि के दायरे में कही जा रही है। उधर, गाटा संख्या 93 के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई को लेकर 21 सितंबर को अहम तारीख हो सकती है। फरहत अंसारी के निर्माण की सुनवाई एलडीए में भी 21 सितंबर को होनी है।