मुख्तार अंसारी ने भी अपनी पार्टी की मायावती का समर्थन किया है और कहा है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
लखनऊ. संसद में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन बसपा सुप्रीमो
मायावती के तेवर ने विपक्षी दलों को गहरी सोच में डाल दिया है। उऩ्होंने आरोप लगाया कि संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है। उनका कहना था कि वह जिस समाज से आती है वहां की समस्याओं को यदि वो सदन में उजागर न करें, तो उन्हें राज्यसभा में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद
मायावती वहां से बाहर चली गईं। बसपा सुप्रीमो के इस बयान का कई दलों ने खुलकर समर्थन किया है। इसी कड़ी में मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने भी अपनी पार्टी की
मायावती का समर्थन किया है और कहा है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
बसपा विधायक मुख्तार अंसारी भी लखनऊ में सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बसपा मुखिया
मायावती को आज राज्यसभा में बोलने से रोकने का प्रयास लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के मुंह पर ताला लगाने से लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा।
सपा एमएलसी ने भी किया मायावती का समर्थन
समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने भी
मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें बोलने नहीं देने की घटना लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा की पीठ के साथ ही सरकार को मामले का संज्ञान लेना चाहिए। सरकार आती-जाती रहती है, विपक्ष का सम्मान होना चाहिए। किसी भी दल से विपक्ष में बोलने का हक नहीं छीना जा सकता।
मायावती ने आज संसद में कहा कि बीजेपी सरकार में दलितों, गरीबों का उत्पीड़न बढ़ा है। वहीं सहारनपुर का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि सहारनपुर की घटना सोची समझी साजिश का नतीजा थी। सहारनपुर में एक दलित को फंसाया गया है। दलितों को जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई।
मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी में दलितों पर अत्याचार हो रहा है।