अखिलेश से समझौता करें यार फिर अपनी राह अलग बनाएं
मुलायम सिंह यादव का अपने बेटे अखिलेश के साथ आना शिवपाल यादव को तगड़ा झटका लगने जैसा है। क्योंकि, शिवपाल मुलायम के कंधे पर बंदूकर रखकर नई पार्टी बनाने की योजना में थे, लेकिन मुलायम ने उस पर अपनी पे्रस कॉन्फ्रेंस में पानी फेर दिया। अब मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव से कहा है कि वे अब पार्टी और अखिलेश यादव से अपने संबंधों को सुधारने की पहल खुद करें। मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह के बाद शिवपाल पर दबाव बढ़ गया है कि वह या तो अखिलेश से समझौता करें यार फिर अपनी राह अलग बनाएं। मुलायम ने शिवपाल से दो टूक कहा कि अखिलेश से बात कर सारे मामले निपटाओ और मेरे बारे में चिंता करना अब छोड़ दो। गुरुवार को अखिलेश से मुलायम की मुलाकात के बाद शिवपाल मुलायम से मिलने पंहुचे थे। शिवपाल मुलायम से मिलकार सीधे इटावा चले गए। अब वह दो अक्तूबर को लखनऊ आएंगे।
मुलायम सिंह यादव का अपने बेटे अखिलेश के साथ आना शिवपाल यादव को तगड़ा झटका लगने जैसा है। क्योंकि, शिवपाल मुलायम के कंधे पर बंदूकर रखकर नई पार्टी बनाने की योजना में थे, लेकिन मुलायम ने उस पर अपनी पे्रस कॉन्फ्रेंस में पानी फेर दिया। अब मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव से कहा है कि वे अब पार्टी और अखिलेश यादव से अपने संबंधों को सुधारने की पहल खुद करें। मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह के बाद शिवपाल पर दबाव बढ़ गया है कि वह या तो अखिलेश से समझौता करें यार फिर अपनी राह अलग बनाएं। मुलायम ने शिवपाल से दो टूक कहा कि अखिलेश से बात कर सारे मामले निपटाओ और मेरे बारे में चिंता करना अब छोड़ दो। गुरुवार को अखिलेश से मुलायम की मुलाकात के बाद शिवपाल मुलायम से मिलने पंहुचे थे। शिवपाल मुलायम से मिलकार सीधे इटावा चले गए। अब वह दो अक्तूबर को लखनऊ आएंगे।
शिवपाल बोले, नेताजी के सम्मान के अलावा कुछ नहीं चाहिए
वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर नेताजी के सम्मान की बात कही है। सूत्र बताते हैं कि शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों से कहा कि वो आज भी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ हैं और नेताजी के सम्मान के अलावा उनको कुछ नहीं चाहिए। अगर नेताजी को अखिलेश सम्मान देते हैं और नेताजी खुश हैं तो उनको कुछ नहीं चाहिए।
वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर नेताजी के सम्मान की बात कही है। सूत्र बताते हैं कि शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों से कहा कि वो आज भी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ हैं और नेताजी के सम्मान के अलावा उनको कुछ नहीं चाहिए। अगर नेताजी को अखिलेश सम्मान देते हैं और नेताजी खुश हैं तो उनको कुछ नहीं चाहिए।