कार्यालय से निकलकर मुलायम बेटे अखिलेश के पाले में
शिवपाल सिंह के खेमे की खुशी कुछ देर भी नहीं ठहर सकी जब उनके कार्यालय से निकलकर Mulayam Singh Yadav बेटे akhilesh yadav के पाले में जा बैठे। सपा में दो साल पहले शुरू हुए परिवार के बाद अखिलेश और शिवपाल दोनों ही पक्षों में असली समाजवादी तय होने के लिए यह बहुत अहम है कि मुलायम किसके पाले में खड़े हैं, लेकिन एक बार फिर इसकी दशा-दिशा तय होते-होते यथावत दिखाई दे रही है।
शिवपाल के प्रस्ताव पर नहीं दिया कोई जवाब
शिवपाल यादव ने उनके आने की खुशी में जल्द राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने और मुलायम को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी दे डाला। पदाधिकारियों ने भी अनुमोदन कर दिया, लेकिन मुलायम सिंह ने कोई नहीं कहा है। इसके बाद करीब 20 मिनट तक मुलायम सिंह देश व सियासत के तमाम मुद्दों पर चर्चाएं की, लेकिन शिवपाल के प्रस्ताव पर अभी कोई जवाब नहीं दिया हैं। इसके बाद शिवपाल की पार्टी के झंडे संग फोटो खिंचवाकर वहां से चले गए।
मुलायम को अपर्णा के सियासी कैरियर की चिन्ता
मुलायम सिंह यादव के करीबियों का कहना है कि मुलायम सिंह अखिलेश और शिवपाल दोनों में किसी से दूर नहीं चाहते हैं। वह समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के करीब रहना चाहते हैं ताकि दोनों पार्टियां कमजोर न पड़े। खासतौर पर मुलायम सिंह यादव को अपनी छोटी बहू Aparna Yadav के सियासी कैरियर की अधिक चिंता है। समाजवादी पार्टी से अपर्णा को टिकट मिलने की संम्भावना बहुत कम है। वह चाहते हैं कि उनकी बहु अपर्णा को शिवपाल अपनी पार्टी से टिकट दें।