इन दिनों ऐसे कम ही मौके देखने को मिल रहे हैं, जब समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी से मिल रहे सम्मान को दरकिनार कर उनके खिलाफ गए हो।
Mulayam
लखनऊ. इन दिनों ऐसे कम ही मौके देखने को मिल रहे हैं, जब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) से मिल रहे सम्मान को दरकिनार कर उनके खिलाफ गए हो। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि विपक्ष में रहकर भी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के भाजपा से रिश्ते अच्छे रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी उनके समाजवादी वाले भाव से काफी प्रभावित हैं। राजनाथ सिंह से तो उनकी कई दफा शिष्टाचार भेंट भी हुई हैं। संसद के बाहर उन्नाव (Unnao) से सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) जैसे कई नेताओं से मिलना भाजपा से मधुर रिश्ते को दर्शाता है, लेकिन जब सच्चाई और न्याय की बात सामने आई है तो उन्होंने डंके की चोट पर अपनी बात रखी है। भले ही वह सत्ता में बैठे लोगों को पसंद आए या न आए।
ये भी पढ़ें- IAS अधिकारी की पत्नी की घर के अंदर गोली लगने से मौत, बेटे ने दिया बड़ा बयान, यूपी पुलिस में हड़कंप लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election) के दौरान वह नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को दोबारा प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद देते हैं, तो वहीं कुछ समय पहले ही वे संसद की कार्यवाही के दौरान भाजपा सरकार पर किसानों की समस्या का सही आंकलन न करने पर उनका विरोध भी करते दिखे। उन्होंने किसानों के मालदार होने के सरकार के दावे को खारिज करते हुए कहा कि कितने प्रतिशत किसान कर्जदार है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। और यहां बताया जा रहा है कि किसान मालदार हो गए हैं। इससे सदन में सभी हैरान रह गए थे। वहीं मंगलवार को भी उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। मौका था आजम खां (Azam Khan) के बचाव का, सो मुलायम न जब देखा कि अन्याय का घड़ा भर रहा है तो उन्होंने सीधा सपा कार्यकर्ताओं से आजम खां की बेइज्जती का बदला लेने की बात तक कह डाली। साथ ही यह भी जोड़ा कि पीएम मोदी से वह इस विषय में व्यक्तिगत तौर पर बात करेंगे। भाजपा आजम के साथ सही नहीं कर रही।
ये भी पढ़ें- इस एक परिवार के तीनों बेटे हैं अलग-अलग राज्यों में मुख्य सचिव, सीएम योगी ने दी इन्हें भी बड़ी जिम्मेदारीखराब स्वास्थ के बावजूद दी आंदोलन की चेतावनी- यह तो जग जाहिर है कि मुलायम सिंह यादव इन दिनों खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं। लेकिन तीन दशक पुराने मित्र आजम खां के खिलाफ स्थितियां ऐसी बन गई थीं कि उन्हें आगे आना ही था। बकायदा इसके लिए प्रेस कांफ्रेस रखी गई। मुलायम सिंह यादव के लिहाज से यह बरसों बाद देखने को मिला है। वह समाजवादी पार्टी के कार्यालय आए, वह भी बकाएदा तैयारी के साथ। उनके संबोधन में अन्याय, आंदोलन और बदला लेने जैसी बातें थी। जो यह बताने के लिए काफी था कि सपा को वह यूं कमजोर होने नहीं देंगे। आजम खां के बहाने सपा को कमजोर करने की कोशिश को वह यूं ही कामयाब होने नहीं देंगे। मुलायम सिंह यादव के इस रूप को देखकर वहां मौजूद सपा कार्यकर्ता भी काफी हैरान थे। लेकिन उसी वक्त वह बेहद उत्साहित भी थे। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी आजम खां के बचाव में कई बयान दे चुके थे, लेकिन कभी आंदोलन और बदले जैसे बात उनके मुख से नहीं निकली थी। पूर्व सीएम और पूर्व सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा कही गई बातें सपा में नया जोश भरने के लिए काफी थी। देखना होगी कि इसका प्रभाव प्रदेश की राजनीति में कैसे पड़ता है।