एक और जहां उन्होंने भाई शिवपाल को रैली की बधाई दी,
वहीं मंच पर कई बार "समाजवादी पार्टी, का नाम लेकर शिवपाल और उनके साथियों को खूब असहज भी किया।
मुलायम ने कार्यकर्ताओं के बर्ताव पर गुस्सा और दुख भी जाहिर किया, उन्होंने कहा कि आप लोगों के लिए मैं कुछ नहीं हूं, शिवपाल मेरा भाई है, इसको मजबूत करना।
बहरहाल शिवपाल की रैली के मंच पर एक मंजे हुए नेता मुलायम सिंह का यूं आना, और फिर अबन भाषण से असहज स्थिति बना देना,
वास्तव में क्या था यह तो मुलायम सिंह ही जानें, जानकार यह जरूर कहते हैं कि मुलायम कोई बात यूं ही नहीं बोलते।
अब रैली में उनकी असहज करने वाली बातें हकीकत में उम्र हो जाने पर भूल जाने जैसी स्थिति थी, या मुलायम की बातों में किसी राजनितिक नए दांव का मामला था यह सवाल तो बनता ही है।