लखनऊ

शिव को भूल राम के हुए मुलायम

सपा की रैली के समापन पर बेटे के साथ दिखे मंच पर।
 

लखनऊSep 23, 2018 / 10:16 pm

Ashish Pandey

शिव को भूल राम के हुए मुलायम

लखनऊ. मुलायम सिंह यादव राजनीति के माहीर खिलाड़ी हैं। जिस शिवपाल ने अपने बड़े भाई को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का अध्यक्ष पद और मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लडऩे का आफर दिया और यह कहते रहे कि नेताजी से पूछ कर सेक्युलर मोर्चा का गठन किया है उसी शिवपाल को आज मुलायम ने तगड़ा झटका दिया और सपा की दिल्ली में आयोजित रैली में पहुंच गए। वहां वे अपने बेटे अखिलेश के साथ तो नजर ही आए साथ ही रामगोपाल ने जब उनका पैर छुआ तो वे उन्हें गले लगा लिए।
बेटे की राजनीति पर न आए कोई आंच
मतलब यहां साफ है कि यूपी विधानसभा चुनाव में जिस रामगोपाल को लेकर शिवपाल और मुलायम सिंह अखिलेश से नाराज थे आज वे ही रामगोपाल मुलायम के खास हो गए और शिवपाल यादव दूर हो गए। मुलायम को यह मालूम है कि अगर मैंने शिवपाल का साथ दिया तो अखिलेश की राजनीति पर इसका काफी असर पड़ सकता है, ऐसे में वे अपने बेटे की राजनीतिक कैरियर पर किसी तरह की आंच नहीं आने देना चाहते हैं।
मुलायम सिंह जिस तरह से सपा की रैली समापन के मौके पर पहुंचे थे उससे तो यह साफ हो गया कि मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश के साथ हैं और शिवपाल का यह भ्रम भी अब खत्म हो जाना चाहिए कि नेता जी उनका साथ देंगे। शिवपाल यादव भले ही नेता जी को अपने साथ लाने की बात कहते रहें लेकिन नेताजी अपने पुत्र मोह में ही दिखते नजर जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव राजनीति के बड़ी ही धुरंधर खिलाड़ी हैं, वे हमेशा मौका देखकर अपनी राजनीतिक चाल चलते हैं। अब उन्हें मालूम है कि शिवपाल का साथ देने से बेटे अखिलेश की राजनीति पर असर पड़ेगा तो उन्होंने अखिलेश का साथ देना ही मुनासिब समझा और आज दिल्ली की रैली में शामिल होकर उन्होंने इसका पुख्ता प्रमाणित भी कर दिया। शिवपाल भले ही यह कहें कि नेताजी से बात करके सेक्युलर मोर्चा का गठन किया है, लेकिन उन्हें भी आज यह मालूम हो गया होगा कि अब जिस भाई के लिए वे दिन रात एक कर मेहनत करते रहे आज वही भाई उनका साथ नहीं देखा।
शिवपाल के सामने है यह कहने का मौका
शिवपाल यादव के पास अब यह एक मौका हमेशा रहेगा कि सपा में नेता जी को सम्मान नहीं मिला मैं उन्हें सम्मान देता रहा, लेकिन आज वे मेरा नहीं उसी बेटे के पास चले गए जिसने उन्हें सपा के अध्यक्ष पद से बेदखल कर दिया था।

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