क्या बनेंगे ये फ्लैट
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के पीछे औरंगाबाद आवासीय योजना ओमेक्स सिटी के निकट है। योजना में कुल 800 फ्लैट निर्मित किये जा रहे हैं। नगर निगम ने करीब दो साल पहले इस आवासीय योजना का प्रस्ताव तैयार किया था। बाद में इसमें देरी होती चली गई। अब चुनाव बाद नए साल पर इन फ्लैटों का पंजीकरण खोला जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अब फ्लैटों का निर्माण तेजी से हो रहा है। दावा है कि इस योजना के फ्लैट आमजन को लुभाएंगे।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के पीछे औरंगाबाद आवासीय योजना ओमेक्स सिटी के निकट है। योजना में कुल 800 फ्लैट निर्मित किये जा रहे हैं। नगर निगम ने करीब दो साल पहले इस आवासीय योजना का प्रस्ताव तैयार किया था। बाद में इसमें देरी होती चली गई। अब चुनाव बाद नए साल पर इन फ्लैटों का पंजीकरण खोला जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अब फ्लैटों का निर्माण तेजी से हो रहा है। दावा है कि इस योजना के फ्लैट आमजन को लुभाएंगे।
अन्य सरकारी फ्लैटों से कम होगी कीमत
इनकी कीमतें लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद से कम होंगी। बावजूद इसके इन फ्लैटों की गुणवत्ता में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। अन्य विभागों के फ्लैटों की तरह ही इन फ्लैटों की मजबूती बेहतर होगी और सुविधाएं भी। इसके लिए परीक्षण भी किये जा रहे हैं। हालांकि अभी इन फ्लैटों पर कब्जा मिलने में समय लगेगा। एक अधिकारी के अनुसार इसके निर्माण को पूरा होने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा। फ्लैटों का पंजीकरण जल्द शुरू होगा। फिलहाल निकाय चुनाव के चलते इस बाबत कोई घोषणा नहीं की जा सकती।
इनकी कीमतें लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद से कम होंगी। बावजूद इसके इन फ्लैटों की गुणवत्ता में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। अन्य विभागों के फ्लैटों की तरह ही इन फ्लैटों की मजबूती बेहतर होगी और सुविधाएं भी। इसके लिए परीक्षण भी किये जा रहे हैं। हालांकि अभी इन फ्लैटों पर कब्जा मिलने में समय लगेगा। एक अधिकारी के अनुसार इसके निर्माण को पूरा होने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा। फ्लैटों का पंजीकरण जल्द शुरू होगा। फिलहाल निकाय चुनाव के चलते इस बाबत कोई घोषणा नहीं की जा सकती।
कितना हो चुका है काम
इन फ्लैटों को आसान किश्तों पर लिया जा सकेगा। योजना का काम देख रहे अधिशासी अभियंता एसके जैन बताते हैं कि फ्लैटों के बेसमेंट का काम पूरा हो चुका है। द्वितीय तल पर छत डाल दी गई है। वहीं, फ्लैटों की ऊंचाई नौ मंजिल रखी गई है। प्रयास है कि दिसंबर के बाद नए साल पर इसका पंजीकरण खोला जाए। जिससे लोग फ्लैटों की बुकिंग करवा सकें। योजना का नाम भी तय हो गया है। योजना की बुकलेट भी तैयार हो गई है। निकाय चुनाव के चलते फ्लैटों के पंजीकरण को नहीं खोला जा सका। इसमें एचआईजी, एमआईजी, एलआईजी व ईडब्लूएस श्रेणी के लैट हैं। साथ ही यहां पर मल्टीप्लेक्स श्रेणी के भी लैट बनाये जा रहे हैं। बताया गया कि बीती सरकार में वर्ष 2015 में इस योजना का शुभारंभ किया गया था। शिलान्यास तत्कालीन नगर विकास मंत्री ने किया था।
इन फ्लैटों को आसान किश्तों पर लिया जा सकेगा। योजना का काम देख रहे अधिशासी अभियंता एसके जैन बताते हैं कि फ्लैटों के बेसमेंट का काम पूरा हो चुका है। द्वितीय तल पर छत डाल दी गई है। वहीं, फ्लैटों की ऊंचाई नौ मंजिल रखी गई है। प्रयास है कि दिसंबर के बाद नए साल पर इसका पंजीकरण खोला जाए। जिससे लोग फ्लैटों की बुकिंग करवा सकें। योजना का नाम भी तय हो गया है। योजना की बुकलेट भी तैयार हो गई है। निकाय चुनाव के चलते फ्लैटों के पंजीकरण को नहीं खोला जा सका। इसमें एचआईजी, एमआईजी, एलआईजी व ईडब्लूएस श्रेणी के लैट हैं। साथ ही यहां पर मल्टीप्लेक्स श्रेणी के भी लैट बनाये जा रहे हैं। बताया गया कि बीती सरकार में वर्ष 2015 में इस योजना का शुभारंभ किया गया था। शिलान्यास तत्कालीन नगर विकास मंत्री ने किया था।
नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने कहा कि औरंगाबाद खालसा आवासीय योजना का काम चल रहा है। ऐसी उ मीद है कि योजना का पंजीकरण निकाय चुनाव के बाद खोल दिया जाए। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।
ये हैं फ्लैट
एचआईजी यूनिट में थ्री बीएचके प्लस सर्वेंट फ्लोर फ्लैट प्लस- 8 के 154.5 वर्ग मीटर के 328 फ्लैट
एमआईजी यूनिट में टू बीएचके फ्लैट जी प्लस-3 के 74.24 वर्ग मीटर के 112 फ्लैट
एलआईजी यूनिट में टू बीएचके फ्लैट जी प्लस-3 के 65 वर्ग मीटर के 168 फ्लैट
एचआईजी यूनिट में थ्री बीएचके प्लस सर्वेंट फ्लोर फ्लैट प्लस- 8 के 154.5 वर्ग मीटर के 328 फ्लैट
एमआईजी यूनिट में टू बीएचके फ्लैट जी प्लस-3 के 74.24 वर्ग मीटर के 112 फ्लैट
एलआईजी यूनिट में टू बीएचके फ्लैट जी प्लस-3 के 65 वर्ग मीटर के 168 फ्लैट