भाई ने कहा बढ़ाई जाए सुरक्षा डॉन मुख्तार अंसारी के परिजनों को उनकी सुरक्षा की चिंता जताई है। मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने मीडिया से कहा कि जहां तक सुरक्षा का प्रश्न है, इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। अफजाल ने सवाल उठाया कि इस सरकार से कोई उम्मीद है क्या, सभी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्तार जब उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र में शामिल हो रहे थे तो उन्होंने कहा था कि उनके जीवन को खतरा है लेकिन सवाल यह है कि सुरक्षा किससे मांगी जाए। जब मुख्यमंत्री खुद ही सदन में कह रहे हैं कि ठोंक दिया जाएगा तो पुलिस फर्जी एनकाउंटर करा रही है। अफजाल अंसारी ने कहा कि अगर उनके भाई को कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार सीएम योगी होंगे।
तो अन्य आरोपियों ने कर दी हत्या मुन्ना बजरंगी की हत्या की जिम्मेदारी सुनील राठी ने भले ही कबूल कर ली हो, लेकिन जांच में जटी पुलिस एक अहम आशंका को लेकर परेशान है। कहीं ऐसा तो नहीं कि विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में बजरंगी के सीबीआई के सरकारी गवाह बनने की शंका में उसकी जान चली गई हो। हलांकि पुलिस ने अपनी जांच में इस बिंदु को नहीं शामिल किया। वहीं इस कांड की जांच रिपोर्ट जल्द ही सीबीआई कोर्ट में सौंपने वाली है। वहीं कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई अंतिम चरण में है। आरोपियों की सख्त सजा दिलाए जाने के लिए सीबीआई मुन्ना को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी किए हुए थी। बजरंगी ने भी सीबीआई की पेशकश को मान लिया था। सूत्रों की मानें तो इस केस जुड़े मुख्तार अंसारी समेत अन्य आरोपियों को इसकी भनक लग गई थी, जो उसकी मौत का कारण बन गया।
अंसारी भी हैं आरोपी 29 नवंबर 2005 को मुख्तार अंसारी के आदेश पर मुन्ना ने कुष्णानंद राय की मौत की साजिश रची। कृष्णानंद राय लखनऊ हाईवे से गुजर रहे थे जब मुन्ना ने अपने साथियों के साथ उनकी दो गाड़ियों पर इतनी गोलियां बरसाईं की सभी का शरीर छलनी हो गया। मुन्ना और उसके गैंग ने दोनों गाड़ियों पर एके47 से करीब 400 गोलियां बरसाईं थीं। इस हत्याकांड में राय के साथ 6 अन्य लोग भी मारे गए थे। इस हत्याकांड में मुन्ना के अलावा अंसारी और अन्य लोग आरोपी बनाए गए थे। केस की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने जांच लगभग-लगभग पूरी कर ली है और कोर्ट में रिपोर्ट को पेश करने वाली थी, लेकिन मुन्ना की हत्या के बाद केस की जांच संभवता फिर से सीबीआई को करनी पड़ सकती है।