script15 लाख हड़पने के लिये दोस्त ने कर दी हत्या, पुलिस ने चार को पकड़ा | Murder of property dealer Indrasan alias Mantu Chiluatal area of GKP | Patrika News

15 लाख हड़पने के लिये दोस्त ने कर दी हत्या, पुलिस ने चार को पकड़ा

locationलखनऊPublished: Oct 20, 2020 10:00:31 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

सोमवार को प्रापर्टी डीलर इंद्रासन की लाश मिली थी। इंद्रासन प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था।

प्रापर्टी डीलर इंद्रासन की लाश मिली थी। इंद्रासन प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था।

प्रापर्टी डीलर इंद्रासन की लाश मिली थी। इंद्रासन प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था।

लखनऊ। गोरखपुर के चिलुआताल इलाके के रहने वाले प्रापर्टी डीलर इंद्रासन उर्फ मंटू की हत्या उसके सबके भरोसेमंद साथी ने करवा दिया। 15 लाख रुपए की टाइल्स का पैसा न चुकाना पड़े, इसलिए उसने अपने साथियों को योजना में शामिल किया। हालांकि 12 घंटे के भीतर क्राइम ब्रांच और चौरीचौरा पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करके वारदात का पर्दाफाश कर दिया। मुख्य आरोपित नौतनवां में टाइल्स की दुकान चलाने वाले कन्हैया की तलाश में पुलिस लगी है। घटना का खुलासा करते हुए एसपी नार्थ अरविंद पाण्डेय ने बताया कि गोरखपुर-कुशीनगर फोरलेन पर बेलवा बाबू गांव के पास लक्ष्मी गुप्ता के धान के खेत में सोमवार को प्रापर्टी डीलर इंद्रासन की लाश मिली थी। इंद्रासन प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था।
परिवारीजनों ने पुलिस को बताया कि रविवार की दोपहर वह कन्हैया से रुपए लेने की बात कहकर घर से निकले थे। जाते समय उन्होंने कहा था कि नौतनवां जा रहे हैं, देर शाम तक लौट आएंगे। लेकिन रात में उनका मोबाइल फोन आफ हो गया। इस मामले में पुलिस ने सर्विलांस के जरिए रमेश उर्फ रोशन, राकेश कुमार, रफीक और प्रवीण को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने बताया कि मोहरीपुर में किराए पर रहने वाले कन्हैया की नौतनवा में शिवम मार्बल्स और टाइल्स के नाम से दुकान है। इंद्रासन ने अपने सम्पर्क से कन्हैया को राजस्थान से 15 लाख का टाइल्स दिलाया था। बार-बार इंद्रासन वह पैसा मांग रहा था।
लेकिन हर बार कन्हैया रुपए लौटाने में टालमटोल करता रहा। पैसा न देना पड़े इसलिए उसने इंद्रासन के हत्या की योजना बनाई। रविवार को पैसा देने के लिए कन्हैया ने उसे नौतनवां बुलाया। दुकान पर काफी देर तक इंद्रासन बैठा रहा। योजना के अनुसार अन्य अभियुक्त रफीक, राकेश और रमेश कार के पीछे-पीछे नौतनवां तक गए। तीनों साथी भी दुकान पर पहुंच गए और उन लोगों ने साथ खाना खाया। फिर रात में साढ़े 10 बजे लौटकर गोरखपुर आए। कार में कन्हैया ने बताया कि पैसा चौरीचौरा में मिलेगा।
कार से ही सभी चौरीचौरा की तरफ चले गए। जगदीशपुर से आगे बढ़ने के बाद सन्नाटा देखकर कन्हैया ने इंद्रासन का गला कस दिया। आगे बैठे रमेश ने स्टैयरिंग संभाल ली। कुछ दूर जाकर कार रोक दी। खेत में ले जाकर इंद्रासन की मौत पक्की करने के लिए कन्हैया ने चाकू से उसका गला रेत दिया। कार को मेडिकल कॉलेज के पास ले जाकर छोड़ आए। फिर आराम से अपने घरों को लौट गए। कन्हैया को उसके परिचित कारोबारी पार्टनर प्रवीण ने बाइक से नौतनवां पहुंचा दिया। खेत में जब पुलिस पहुंची तो वहां कोई ऐसा सामान नहीं मिला जिससे कोई सुराग मिल सके। इंद्रासन के मोबाइल नंबरों को खंगालने के बाद पुलिस ने घटना की तह जा सकी।
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