नेहरू से लेकर काकोरी क्रांतिकारियों की कहानी तक का वर्णन जेल में म्यूजियम बनाने का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में बताना है। जेल प्रशासन का मकदस है कि लोग अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम को जान सकें और देख सकें कि किन मुश्किल परिस्थितियों में रहकर इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हमें आजादी दिलाई और खुद अपनी जान की बाजी लगाई। म्यूजियम में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बिताए हुए लंबे समय की उनकी कहानी बताई जाएगी। काकोरी क्रांतिकारियों द्वारा फांसी के फंदे पर लटक कर शहीद होने तक की सभी दांस्ताने इस म्यूजियम में कैद की गई हैं।
कई अद्भुत चीजों का मिलेगा नजारा म्यूजियम में कई अद्भुत चीजें देखने को मिल सकती हैं, जैसे मॉडल जेल लखनऊ द्वारा तैयार की गई भारतीय मुद्रा, अंग्रेजों के समय में जेलों के बंदियों द्वारा बनाई गई वस्तुएं। कई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में प्राप्त हुए मेडल, बंदियों द्वारा जेल में हाथ से लिखी गईं मैगजीन और पुस्तकें भी म्यूजियम में रखी गई हैं। संग्रहालय की एक दीवार काकोरी के अमर शहीद जवानों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित की गई है। इन दीवारों पर इनकी कहानी बताई गई है। इस दीवार पर काकोरी कांड में शामिल क्रांतिकारियों के जीवन, उनके पत्रों एवं अन्य सामान को सहेजा गया है। इसके इतर दूसरी दीवार पर उस जमाने के बड़े राजनेता, स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की तस्वीर और उनके जीवन से संबंधित सामग्री लगाई गई है।
क्रूर अंग्रेजी शासन की कहानी भी बयां जेल संग्रहालय में क्रूर अंग्रेजी शासन की कहानी भी बताई गई है। म्यूजियम में अंग्रेजों की मोटी-मोटी लोहे की जंजीर और बेड़ियां भी रखी गई हैं। साथ ही में उस फांसी के फंदे को भी सुरक्षित रखा गया है जिससे कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लट कर शहीद हुए थे। इतना ही जेल में चरखे, वह गेहूं की चक्की जिससे अंग्रेजी शासक जबरदस्ती गेहूं पिसवाया करते थे, क्रांतिकारियों द्वारा बनाई गई दरी और चादरें भी म्यूजियम में सुरक्षित रखी गई हैं। जेल के निर्माण के लिए बंदियों द्वारा बनाई गई 1877 की मिट्टी की ईंट, उस दौर की हथकड़ियां, बेड़ियां, जंजीरें, बर्तन, आदि भी वहीं रखे गए हैं।