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राम मंदिर पर मोहन भागवत के बयान ने मचाया बवाल, मुस्लिम पक्षकार बोले- ये हैं कौन

locationलखनऊPublished: Nov 25, 2017 11:44:52 am

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर पर बयान देकर राजनीति फिर गर्म कर दी…

Muslim parties on Mohan Bhagwat statement over Ram Mandir Ayodhya news

राम मंदिर पर मोहन भागवत के बयान ने मचाया बवाल, मुस्लिम पक्षकार बोले- ये हैं कौन

लखनऊ. राम मंदिर निर्माण को लेकर हो रही सियासत ने यूपी सहित पूरे देश की राजनीति को गर्म कर रखा है। बीजेपी इस मुद्दे को हवा देने में लगी है तो बाकी विपक्षी पार्टियां भी इस पर राजनीति करने से पीछे नहीं हटना चाहतीं। उत्तर प्रदेश में बंपर जीत और पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद बीजेपी नेताओं ने भी राम मंदिर निर्माण को लेकर बहस तेज कर दी है और दिग्गज नेता समझौते के लिए दूसरे पक्ष से अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आरएसएस के नेताओं ने भी राम मंदिर को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
अयोध्या में मंदिर ही बनेगा

कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्म संसद में राम मंदिर को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया कि अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा। मोहन भागवत के इस बयान के बाद अयोध्या समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बवाल मच गया है। संघ प्रमुख के बयान को लेकर अयोध्या विवाद के मुस्लिम पक्षकारों का बयान आना शुरू हो गया है। मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और उसमें आरएसएस पक्षकार भी नहीं है। तो इस मामले को तूल देने वाले मोहन भागवत कौन होते हैं। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर से इस मामले की सुनवाई शुरू हो रही है और अब अदालत जो फैसला करेगी वही सबके लिए मान्य होगा। दरअसल धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि मंदिर वहीं बनेगा जहां राम की जन्मभूमि है, इसके अलावा कोई भी फार्मूला हमको मान्य नहीं होगा।
कौन हैं मोहन भागवत

मोहन भागवत के इस बयान के बाद बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि मोहन भागवत होते कौन हैं ये बताने वाले कि अयोध्या में क्या होगा। वे क्या हैं, उनका इस मामले से क्या मतलब है। हाजी महबूब ने कहा कि मोहन भागवत के कहने से न तो मंदिर बन जाएगा और न ही मस्जिद। मंदिर-मस्जिद मामले को लेकर 5 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है और इसमें अदालत जो फैसला करेगी हम सबको वही मान्य होगा। हाजी महबूब ने कहा कि विवादित भूमि पर मंदिर बनेगा या मस्जिद, ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तय होगा। इसलिए सभी लोगों को कोई भी बयानबाजी करने के बजाय अब हम सबको अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
मोहन भागवत से कोई लेना-देना नहीं

वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को बाबरी मस्जिद के मुद्दई स्व. हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने भी दरकिनार कर दिया है। इकबाल अंसारी ने कहा कि मोहन भागवत के बयान से कोई लेना-देना नहीं है। आरएसएस इस मामले में पार्टी भी नहीं है, इसलिए उनके बयान का कोई मतलब नहीं है। इकबाल अंसारी ने कहा कि 5 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में पूरे मामले की सुनवाई शुरू होने रही है और अब ये मसला अदालत के के फैसले के बाद ही सुलझेगा।
ओवैसी ने भी साधा निशाना

वहीं दूसरी तरफ भागवत के बयान पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अलग मोर्चा खोलते हुए कहा कि उनके ऐसे बयानों से लगता है कि जैसे वे कोर्ट के फैसले को जानते हैं। वहीं निर्मोही अखाड़ा प्रमुख ने कहा कि सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले बयानों से सभी को बचना चाहिए।
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