गढ़ी पीर खां वार्ड से पार्षद अल्ला प्यारे के मुताबिक, मृतक महिला की मौत के बाद उसके परिवार में सिर्फ दो छोटे-छोटे बच्चे थे। ऐसे में उसके अंतिम संस्कार के साथ ही बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया। जाति-धर्म से ऊपर उठकर मोहल्ले के लोगों ने इंसानियत के धर्म को निभाने का फैसला लिया। हिंदू-मुस्लिम युवाओं ने मिलकर महिला के अंतिम संस्कार की तैयारी की और फिर हिंदू धर्म के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार कर दिया। फिर इन्हीं युवाओं ने मासूम बच्चों की परवरिश के लिये मोहल्ले के लोगों से चंदा भी इकट्ठा किया। इसके अलावा मोहल्ले के ही बहुत से लोगों ने मासूम बच्चों की मदद का आश्वासन दिया है। पार्षद ने बताया कि बच्चों की परवरिश के लिये जो लोग मदद करेंगे, उस धनराशि को बच्चों का अकाउंट खुलवाकर जमा कराया जाएगा।