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अधिकरियों पर भरोसा नहीं, पर 50 साल के ऊपर के नेताओं को भाजपा दे रही तरजीह

locationलखनऊPublished: Nov 16, 2017 04:46:45 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

कर्मचारी वर्ग नाराज़, कहा ये है सरकार का दोहरा चरित्र !

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लखनऊ. जवानी पर इतराने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निकाय चुनावों में मेयर की कुर्सी के लिए ज्यादातर बुजुर्गों को मैदान में उतारा है। प्रदेश के 16 नगर निगमों में पांच ऐसे हैं, जहां भाजपा ने 60 बरस से ज्यादा उम्र वाले उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि पांच नगर निगमों में साठ के फेर में उलझे प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हैं। 70 वर्षीय एक महापौर उम्मीदवार पर भी भाजपा ने भरोसा जताया है। देश की राजनीति में 70 साल प्लस के नेताओं को जिम्मेदार पदों से हटाने का दौर भी भाजपा ने ही शुरू किया था। इसी फार्मूले पर अमल करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से कलराज मिश्र और नजमा हेपतुल्ला की विदाई हुई, जबकि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार से बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मंत्रिपद से हाथ धोना पड़ा था। पार्टी का दावा है कि सबसे ज्यादा यूथ उसके साथ है, बावजूद उम्रदराज नेताओं को निकाय चुनाव में उतारने से पार्टी की नई पीढ़ी कुछ नाराज भी है।
50 साल के कर्मचारी कार्य करने योग्य नहीं लेकिन चुनाव के लिए फिट !
बात उम्र की हो तो भाजपा की इस नीति को भला कैसे भुलाया जा सकता है। हाल ही में भाजपा सरकार ने सभी विभागों में 50 साल से ऊपर की उम्र के सभी कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करवाने के आदेश दिए हैं। सरकार का कहना है कि जो कर्मचारी मौजूदा जरूरतों के मुताबिक काम करने में सक्षम नहीं पाए जाते हैं, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाए। ज़ाहिर सरकार 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों पर पूरा विश्वास नहीं रखती। लेकिन अपनी इसी नीति को भाजपा चुनाव मैदान में नज़रअंदाज कर रही है। तभी 16 नियमों में 10 निगम में भाजपा महापौर उम्मीदवार 50 वर्ष की आयु से अधिक हैं।
कर्मचारी वर्ग नाराज़, कहा ये है सरकार का दोहरा चरित्र !
कर्मचारियों में इस नीति को लेकर ख़ासा रोष भी है। लखनऊ नगर निगम संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने कहा कि ये सरकार का दोहरा चरित्र है। सरकार की नीति शुरुआत से ही कर्मचारी विरोधी ही रही हैं। वे 50 वर्ष से ऊपर के कर्मचारियों पर भरोसा नहीं दिखाती और स्क्रीनिंग की बात कहती है। लेकिन उन्ही कर्मचारियो से ये चाहती है कि वे उनके उम्रदराज नेताओं को अपनाए।
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह कहते हैं कि सरकार की कहनी और कथिनी में अंतर है। वे जो बोलती है वही नहीं करती। उदाहरण सामने है।


ये उम्मीदवार हैं 50 प्लस

गोरखपुर से सीताराम जायसवाल 70 साल
लखनऊ से संयुक्ता भाटिया 67 साल
कानपुर से प्रमिला पांडे 61 साल
मुरादाबाद से विनोद अग्रवाल 60 साल
झांसी से राम तीरथ सिंघल 60 साल
गाजियाबाद से आशा शर्मा 58 साल
आगरा से नवीन कुमार जैन 55 साल
मथुरा से मुकेश 53 साल
मेरठ से कांता कर्दम 51 साल
अलीगढ़ से राजीव कुमार 51 साल

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