केंद्र शासित प्रदेश समेत 31 राज्यों में से जिनमें मजदूरी में वृद्धि देखी उनमें से गोवा में अधिकतम 7.14% की वृद्धि दर्ज की गई है। 2021-22 में प्रति दिन 294 रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 315 रुपये प्रति दिन मजदूरी का रेट हो गया है। वहीं, सबसे कम 1.77% की वृद्धि मेघालय में हुई है। जहां नई मजदूरी दर मौजूदा 226 रुपये प्रति दिन से 230 रुपये प्रति दिन तय की गई है। मेघालय के अलावा दो अन्य राज्यों अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में भी 2 फीसदी से कम की वृद्धि देखी गई है। असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में मजदूरी में 2-3 फीसदी की वृद्धि हुई । महाराष्ट्र, ओडिशा, दादरा एंड नगर हवेली और दमन एंड दीव में मजदूरी में 3-4 फीसदी की वृद्धि की गई है। केवल 10 राज्यों में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इन राज्यों में हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक और गोवा शामिल है।
ये भी पढ़ें : Toll Tax : अप्रैल से महंगा हो जायेगा टोल नाके से गुजरना, जानिए कितना देना होगा टोल टैक्स उत्तर प्रदेश में मनरेगा के 57.13 लाख मजदूर वर्ष 2020 के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब 57 लाख 13 हजार मजदूर मनरेगा से जुड़ा है। ये मजदूर योजना के तहत मजदूरी करके 190 रुपए से लेकर 201 रुपए तक दिहाड़ी कमाते हैं। ये कह सकते हैं कि मनरेगा के माध्यम 57 लाख से अधिक परिवार चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में 4-5 फीसदी की हुई वृद्धि नरेगा मजदूरी दर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों के लिए प्रति दिन 213 रुपये है। मनरेगा मजदूरी दरें CPI -AL (Consumer Price index- Agriculture labour) में बदलाव के अनुसार तय की जाती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में वृद्धि को दर्शाती है।