आर्म्स एक्ट में यह बदलाव जानकारी के मुताबिक बिल में 1959 के आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत अपराध की चार कैटेगरी बनाई जाएगी। इनके लिए 10 साल की जेल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया जा सकता है। मोदी सरकार के इस फैसले पर प्रदेश के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बंदूक/पिस्तौल आदि नहीं रख सकेगा। अभी तक आर्म्स ऐक्ट के अनुसार तीन हथियारों की सीमा है। आर्म्स एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसमें कुछ संशोधन भी किये गए हैं। उन्होंने बताया कि उनको जो जानकारी मिली है उसके मुकाबिक आर्म्स एक्ट में किये गए संशोधन में सशत्र बल या पुलिस के लूटे गए हथियार को रखने या बंदूक का लापरवाही से इस्तेमाल करने पर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। आर्म्स एक्ट में राज्य सरकार को उत्तराधिकार के आधार पर आर्म्स लाइसेंस देने में एक लाइसेंस के कोटा का उल्लंघन नहीं करने को कहा गया है।
मिलेगी यह सजा अधिकारी ने बताया कि देश में हर्ष फायरिंग की वजह से काफी दुर्घटना होती है और इसे रोकने के लिए बिल में इस तरह का प्रावधान किया गया है। जिसके मुताबिक जश्न में या लापरवाही से फायरिंग करने के लिए बंदूक का इस्तेमाल करने पर दो साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना होगा। नए कानून में नक्सलियों, आतंकियों और उग्रवादियों पर भी शिकंजा कसने के उपाय किये गए हैं। इनके पास पुलिस या अन्य बल के हथियार पाए जाने पर दस साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ ही आर्म्स एक्ट का उल्लंघन करने के लिए कम से कम सजा अब तीन साल से बढ़ाकर सात साल कर दी गयी है।
राजघरानों का विरोध वहीं प्रदेश के राजघराने और उससे जुड़े सांसद इस संशोधन बिल के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि उनके पुश्तैनी हथियार हैं, जो कई पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। दशहरे पर शस्त्र पूजन (Dussehra Shastra Puja) में इन हथियारों का प्रयोग होता है। हालांकि इस संशोधन बिल में यह प्रावधान है कि ऐसे पुश्तैनी हथियारों की एक अलग श्रेणी होगी, लेकिन उनके प्रयोग के लिए कोई कारतूस नहीं रख सकेगा।