प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 11अक्टूबर को प्रस्तावित लखनऊ यात्रा को लेकर विवाद पैदा हो गया है
लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 11अक्टूबर को प्रस्तावित लखनऊ यात्रा को लेकर विवाद पैदा हो गया है। बताया जाता है कि पीएम मोदी के आगमन पर सुरक्षा के मद्देनजर दुर्गा पांडालों से मां दुर्गा की विदाई को एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है। जबकि, दशहरे के ही दिन ही लखनऊ में गोमती नदी के विभिन्न घाटों पर माता दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन की परंपरा रही है। इस दिन शाम को शहर में काफी भीड़ होती है और उत्सव का माहौल रहता है। लेकिन, पीएम की मौजूदगी और उनकी सुरक्षा को देखते विसर्जन की तारीख बढ़ाकर 12 अक्टूबर कर दी गई है। दुर्गा पूजा पंडाल समितियों ने प्रशासन के इस निर्णय का जोरदार विरोध किया है।
समितियों का कहना है कि एक-एक दिन पांडाल को चलाने के लिए हजारों रुपए खर्च होते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने बिना पूजा समितियों की राय लिए प्रतिमा विसर्जन का कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया है तो क्या सरकार पांडालों को एक दिन और चलाने के लिए खर्च उठाने को तैयार है? दूसरे प्रशासन के इस निर्णय से उनकी धार्मिक मान्यताओं के टूटने का भी खतरा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ ने 11 अक्टूबर को ऐशबाग रामलीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की जानकारी रामलीला समिति के संरक्षक लखनऊ के मेयर और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा को दी है। इस संबंध में पंडित प्रदीप ने बताया की नवरात्र में माता दुर्गा के स्वागत का जितना ख्याल रखा जाता है उतना ही ध्यान उनकी विदाई पर होता है। मां को लोग बेटी मानते हैं। इसलिए हर घर में उनका अच्छे से स्वागत होता है। बेटी की विदाई मंगलवार को करना अशुभ होता है। इसके अलावा सप्ताह के किसी भी दिन विदाई करना अच्छा है। उन्होंने बतया की बुधवार का दिन माता की विदाई के लिए बेहद शुभ है।
नाखुश हैं दुर्गा पूजा पंडाल आयोजक
शहर के सबसे बड़े दुर्गा पूजा पंडाल,जानकीपुरम सहारा स्टेट के संयोजक समिति के प्रदीप ने बताया की प्रधानमंत्री लखनऊ आ रहे हैं ख़ुशी की बात है। लेकिन यदि इसकी सूचना पहले से होती तो हम उसी तरह से तैयारी करते। अब एक दिन बाद विसर्जन से समिति का खर्च बढ़ जाएगा। हमारी परंपरा भी टूटेगी। भूतनाथ दुर्गा पूजा पंडाल के सौमित्र चैटर्जी का कहना है कि प्रधानमंत्री की वजह से मां की विदाई के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। यह ठीक नहीं। इससे हमें परेशानी होगी। जबकि इंदिरा नगर रविन्द्र पल्ली की दुर्गा पूजा पंडाल के आयोजक ने इस फैसले का न तो विरोध किया न स्वागत बोले चलो मां एक दिन और साथ रहेंगी।