उन्होंने कहा कि मुझे ही नहीं मालूम कि मैं 5 अक्टूबर को हज़ारों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी के आगरा में होने वाले राज्य स्तरीय अधिवेशन में सपा में शामिल होने जा रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल हम अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से सलाह लेंगे। अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है।
सिद्दीकी ने इस बात पर भी तर्क दिया कि किसी भी पार्टी के नेता के साथ वार्ता कर लो तो लोग ये अटकले लगाना शुरू कर देते हैं कि वो फलाना पार्टी में शामिल होने जा रहा है। वो कहते हैं कि जब मैं सीएम
योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की मांग करने गया तो लोगों ने कह दिया कि नसीमुद्दीन बीजेपी का दामन थाम रहे है। हम कांग्रेस वालों के साथ बैठ गए तो समझ लिया कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी है। ऐसे में हमारी बातचीत सभी दलों के नेताओं के साथ होती रहती हैं।
इसलिए छोड़ी थी बसपा- गौरतलब है कि कुछ माह पहले नसीमुद्दीन सिद्दीकी को
मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार का जिम्मेदार नसीमुद्दीन को माना साथ ही नसीमुद्दीन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। जवाबी हमले में सिद्दीकी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मायवती के कई ऑडियो भी रिलीज किये थे, जिसके जरिए नसीमुद्दीन ने मायावती पर 50 करोड़ रूपए मांगने का आरोप लगाया था।
इसके बाद नसीमुद्दीन ने ‘राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा’ नामक पार्टी बनाई जिसमें उनके साथ कई कार्यकर्ता शामिल हैं। हाल ही में अखिलेश ने अपने बयान में विपक्षी दलों के लिए अपनी पार्टी के दरवाजे खुले होने का ऐलान किया था। जिसके बाद ही नसीमुद्दीन के सपा में शामिल होने की अटकलों को जोर मिला।