राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डॉ. आरपी दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि किशोरावस्था (10-19 वर्ष) एक परिवर्तनशील वृद्धि तथा विकास की एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवस्था होती है। इस अवस्था में शारीरिक एवं मानसिक बदलाव बहुत तीव्रता से होते हैं और किशोर-किशोरियां यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रूप से परिपक्व होने लगते हैं।
इस दौरान किशोर/किशोरियों की समस्याओं में विभिन्नता के साथ-साथ जोखिम भी अलग-अलग होते हैं। एक विवाहित अथवा अविवाहित, स्कूल जाने वाले तथा न जाने वाले, ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के किशोर/किशोरियों की यौन विषय पर जानकारी भी अलग-अलग होती है। इन्हीं उलझनों को सुलझाने के लिए उन्हें एक सच्चे साथी की जरुरत महसूस होती है। हालांकि वह इन विषयों की गोपनीयता भंग होने के डर से किसी से चर्चा करने से भी कतराते हैं। इसका परिणाम होता है कि वह ऐसी गतिविधियों अथवा आदतों के शिकार हो जाते हैं जो उनके जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं, क्योंकि चाहे शारीरिक विकास की बात हो या शिक्षा का क्षेत्र की बात हो, यही वह समय होता है जो उनके आगे के सारे जीवन की बुनियाद रखता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए जिले में किशोर-किशोरियों को ग्रामीण स्तर पर सहयोग हेतु उन्ही के हम उम्र पीयर एजुकेटर का चयन किया गया है। जिसमें गावं स्तर पर एक आशा के क्षेत्र से चार पीयर एजुकेटर का चयन किया गया है। दो लड़के एवं दो लडकियां, जिसमें से एक स्कूल जाने वाले एवं एक स्कूल छोड़ चुके लड़के एवं लडकियां हैं। चयन उपरान्त उनको छह दिवसीय प्रशिक्षण देकर गांव स्तर पर ही अपने हम उम्र साथियों के साथ समूह बना कर साप्ताहिक बैठक कर उनकी समस्याओं में सहयोग करना एवं साथियां क्लीनिक पर संदर्भित करने के बारे में बाताया गया है।
पीयर एजुकेटर को मिला छाता, घड़ी व स्कूल बैग
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आरपी दीक्षित द्वारा बताया गया कि जनपद के 15 विकास खण्डों में से सात ब्लॉक में पीयर एजुकेटर का चयन किया गया है जिसमें कुल 1580 पीयर एजुकेटर है। सभी चयनित पीयर एजुकेटर हेतु नान मानीटरी इन्सेंटिव के अन्तर्गत एक दीवार घड़ी, एक छाता एवं एक स्कूल बैग सभी सम्बंधित विकास खंडों को उपलब्ध करवा दिया गया है। साथ ही कोरोना काल में पीयर एजुकेटर द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में दिये गये निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क इस्तेमाल एवं बार-बार हाथ धुलने को लेकर अपने साथियों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही घर पर ही मास्क बना कर अपने परिवार के सदस्यों एवं साथियों को भी दिया जा रहा है।