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राजधानी में 279 किशोरियों के स्वास्थ्य की हुई जाँच, जाने और क्या मिली जानकारी

locationलखनऊPublished: Aug 20, 2019 08:50:08 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

मासिक धर्म में होता हैं दर्द

 National Adolescent Health

राजधानी में 279 किशोरियों के स्वास्थ्य की हुई जाँच, जाने और क्या मिली जानकारी

लखनऊ, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के मॉल, मलिहाबाद ब्लाक सहित शहर के ए.पी.सेन गर्ल्स मेमोरियल इंटर कालेज में किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किया गया | राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्य्रकम के नोडल अधिकारी व् अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार दीक्षित ने बताया कि कार्यक्रम में 10 से 19 साल की कुल 279 किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच कर उनकी स्क्रीनिंग की गयी। इसके तहत खून की जाँच, लम्बाई, वजन की जाँच कर उनका स्वास्थ्य कार्ड बनाया गया साथ ही में उनसे मासिक धर्म पर भी बात की गयी।
मासिक धर्म में होता हैं दर्द

सरोजिनी नगर आरबीएसके टीम की डॉ. दीप्ति ने बताया कि नौ किशोरियों का हीमोग्लोबिन 10 से कम, आठ किशोरियों में अनियमित मासिक धर्म व् 11 किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द की समस्या सामने आई। किशोरियों के आँखों की भी जाँच की गयी व समस्याग्रस्त किशोरियों को शनिवार को सरोजिनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुलाया गया है जहाँ इन्हें सलाह और दवाएं दी जाएँगी। इस अवसर पर समेकित बाल विकास विभाग द्वारा पोषाहार से बने व्यंजनों जैसे इडली, अप्पे, ढोकला, मोमो, हलवा, लड्डू, मेवा बर्फी, मौसमी फल, सब्जियों, गुड़, चना आदि का प्रदर्शन भी किया गया तथा इसके महत्व के बारे में भी किशोरियों को बताया गया। साथ ही साथ आरकेएसके से सम्बंधित आईईसी प्रपत्र भी दिए गए। इस अवसर पर क्षेत्र के पार्षद हर्षित दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम सरकार की बहुत ही अच्छी पहल है। सभी को इस कार्य्रकम में सहयोग करना चाहिए ताकि इस कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। सरकार इस कार्यक्रम के द्वारा किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं को दूर करने का एक सफल प्रयास कर रही है जिसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी है क्योंकि आगे चलकर आपकी शादी होगी और माँ बनेंगी अगर आप स्वस्थ होंगी तभी आपका होने वाला बच्चा भी स्वस्थ होगा।
पिज़्ज़ा, बर्गर, समोसा, कोल्ड ड्रिंक से है नुकसान

डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) के मैनेजर डॉ. गौरव सक्सेना ने बताया कि किशोरियों में खून की कमी यानि एनीमिया की समस्या मुख्य होती है | ऐसी किशोरियों की आँखें, नाखून व हथेलियाँ सफ़ेद हो जाती हैं, जल्दी थकान आती है, चक्कर आते हैं व पैरों में सूजन आ जाती है। आरकेएसके के तहत वीकली आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक कार्यक्रम चलाया जा रहा है | इसके अंतर्गत 10-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को आयरन फोलिक एसिड की नीली गोली (110 मिग्रा आयरन एवं 500 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड) हर सप्ताह खिलाई जाती है। किशोरियों में इसका मुख्य कारण जंक फ़ूड का सेवन व् पेट के कीड़ों का होना है। इस आयु में पौष्टिक भोजन का सेवन शारीरिक परिपक्वता लाने में मदद करता है। इससे ताकत मिलती है, पढ़ने लिखने व् खेलकूद में मन लगता है, रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। शारीरिक व मानसिक विकास होता है। जब हम जंक फ़ूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, समोसा, कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करते हैं तो यह खाने में स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन इनमें पौष्टिकता के नाम पर कुछ भी नहीं होता है। इन खाद्य पदार्थों में नमक व चीनी की मात्रा अधिक होती है जो कि सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं।
अगर पेट कीड़े है पेट में तो खानी हैं ऐसा दवा

एविडेंस एक्शन के राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के जिला समन्वयक सुधीर वर्मा ने बताया कि एनीमिया का मुख्य कारण पेट में कीड़े होना है | इसके लिए साल में 2 बार (फरवरी एवं अगस्त ) कृमि मुक्त दिवस मनाया जाता है। यह 29 अगस्त को मनाया जाएगा, जिसमें 1-19 वर्ष की आयु के सभी लोगों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। 1-2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली (200 मिग्रा) पीसकर पानी के साथ और दो से तीन साल के बच्चों को पूरी गोली पीसकर खिलाई जाएगी। 3-19 वर्ष के बच्चों को 400 मिग्रा की एक गोली चबाकर खानी है। जो बच्चे इस दिन दवा नहीं खा पायेंगे उन्हें 30 अगस्त से 4 सितम्बर तक मॉप अप राउंड में दवा खिलाई जायेगी।
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