राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग का फैसला पर ऐसे ही एक मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने फैसला दिया है कि, नए वाहन का टायर फटने पर वाहन निर्माता कंपनी ही मुआवजा देने को बाध्यकारी है न कि टायर कंपनी। इस आदेश के साथ ही राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने वाहन कंपनी को निर्देश दिया कि वह पीड़ित उपभोक्ता को ₹ दो लाख मुआवजा दे। और आयोग का समय खराब करने के लिए दस हजार रुपए जुर्माना भरे। यह आदेश जस्टिस दिनेश सिंह की दो सदस्यीय टीम ने दिया।
मामला जानें क्या है? पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के प्रकाश सिंह ने वर्ष 2017 में अशोक लीलैंड कंपनी का ट्रक खरीदा था। 37 हजार किमी चलने के बाद एक दिन उनके ट्रक का टायर फट गए। ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ड्राइवर को चोटें आई। प्रकाश सिंह के छोटे भाई करतार सिंह ने वाहन कम्पनी को टायर बदल कर देने को कहा। वाहन निर्माता कम्पनी नहीं मानी तो करतार ने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। 11 मार्च 2019 को जिला उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को हर्जाने के साथ नए टायर बदलने का आदेश दिया। कम्पनी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में गुहार की। यह भी कम्पनी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कम्पनी राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग पहुंची।