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प्रत्येक पांच में एक लखनवाइट्स है जरूरत से ज्यादा मोटा

locationलखनऊPublished: Oct 07, 2017 01:10:30 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

6.67 लाख की आबादी है ओवरवेट, देश के औसत से ज्यादा है यह अनुपात

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लखनऊ. तेज रफ्तार भागती-दौड़ती जिंदगी का असर आम जीवन में दिखाई पड़ता है। हम स्वास्थ्य के प्रति कितना भी जागरूक क्यों न हों, आधुनिक जीवनशैली का असर तो पड़ता ही है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार हर पांचवा लखनऊवाइट्स ओवरवेट की गिरफ्त है। जायके के शहर लखनऊ की कुल आबादी में से 6.67 लाख की आबादी ऐसी है जिसकी तोंद उसके लिए समस्या बनी हुई है। लखनऊवासियों के ओवरवेट का यह अनुपात देश के औसत से ज्यादा है, जो बेहद चिंताजनक है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार 15-49 उम्र की 20.03 प्रतिशत आबादी की ओवरवेट की समस्या से जूझ रही है।


यह 14.5% का औसत राज्यों के औसत से कहीं अधिक है, साथ ही राष्ट्रीय औसत 19.6% से भी अधिक है। लखनऊ की वर्तमान जनसंख्या 33.3 लाख जिसमें लखनऊ के 6.67 लाख पुरुष और महिलाएं वजन संबंधी समस्या से जूझ रही हैं। एक अनुमान के अनुसार एनएफएचएस-3 (2005-06) के बाद लखनऊ की अधिक वजन वाली आबादी दोगुनी हो गई है। सर्वे के अनुसार ग्रामीण लोगों की तुलना में शहरी इलाकों में अधिक वजन और मोटापा की समस्या अधिक है। विश्व ह्रदय दिवस पर जारी सर्वे से पता चलता है कि 70% लोगों का मानना है कि उनके पड़ोस की जिम में व्यायाम करने के लिए जगह नहीं है।
शहरों में ज्यादा भारी है लोगों की तोंद

रिपोर्ट के अनुसार शहरों में 31.3 फीसदी महिलाएं एवं 26.3 फीसदी पुरुषों का वजन जरूरत से ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी महिलाएं 15 फीसदी एवं पुरुष 14.3 फीसदी हैं। यदि एनएफएचएस-3 की बात करें तो तब शहरों में 28.9 महिलाएं एवं 22.2 फीसदी पुरुष तथा गांवों में 8.6 फीसदी महिलाएं एवं 7.3 फीसदी पुरुष मोटापे की चपेट में थे।
महिलाएं हैं कम जागरूक

जाने माने एंडोक्रोनोलॉजिस्ट डॉक्टर अनूप मिश्र के अनुसार मध्यम एवं निम्न आयवर्ग के लोग खासकर महिलाएं खान-पान एवं व्यायाम को लेकर जागरूक नहीं हैं। उच्च तबके में जिनके पास पैसा है, वह जागरूक हो चुका है तथा अपनी सेहत सुधार रहा है। मध्यम एवं निचले तबके की महिलाएं घर में ही ज्यादा रहती हैं। इस तबके को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है। महिलाएं अपने सेहत की प्रति सजग रहेंगी तो उनके बच्चे और पति की सेहत भी सही रहेगी।
गर्भावस्था से मोटापा

महिलाओं के बार-बार गर्भधारण करने से भी मोटापे का खतरा ज्यादा रहता है। दूसरे, रजोनिवृत्ति के दौरान विशेष एहतियात नहीं बरतने से भी वजन बढ़ सकता है। इसलिए वजन के मामले में महिलाएं ज्यादा संवेदनशील हैं।
कई बीमारियों का रहता है खतपा

डॉक्टर मिश्र के अनुसार मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारियों को न्योता देता है। जिस तेजी से मोटापा बढ़ रहा है, उसी तेजी से ये बीमारियां भी बढ़ेंगी। यदि महिलाओं में इसी तेजी से मोटापा बढ़ा तो मधुमेह रोगियों में उनकी संख्या पुरुषों से भी ज्यादा हो जाएगी।
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