डा. मिश्रा ने कहा कि बेटियाँ बेटों से कम नहीं हैं। वह हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। सरकार द्वारा बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा दिलाने के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । डा. मिश्रा ने कहा – हमें लड़का -लड़की में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए । सरकार ने भ्रूण हत्या को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम लागू किया है। गर्भस्थ शिशु ,भ्रूण के gender की जांच कराना या जाँच करना दोनों कानूनी अपराध है । इसलिए गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकि (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 प्रदेश में प्रभावी तरीके से वर्तमान में लागू है । gender निर्धारण के लिए प्रेरित करने तथा अधिनियम के प्रावधानों/ नियमों के उल्लंघन के लिए कारावास एवं सजा का प्रावधान है ।
ऐसा गैर कानूनी कार्य करवाने वाले व्यक्ति को पाँच वर्ष का कारावास एवं एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है तथा ऐसा गैर कानूनी करने वाले को पाँच वर्ष का कारावास एवं पचास हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है । इस अवसर पर बालिका इंटर कॉलेज, बक्शी का तालाब की छात्राओं को शिक्षा एवं खेलकूद में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कृत भी किया गया ।