आम तौर पर देखा गया है कि कृमि संक्रमण का बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। भारत में कृमि संक्रमण एक जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है। डब्ल्यू.एच.ओ. ;2017द्ध के अनुमानुसार भारत में 5 से 14 साल तक की उम्र के 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है। साथ ही डब्ल्यू.एच.ओ. की घोषणा के अनुसार विश्व में भारत उन देशों में से एक है जहाँ कृमि संक्रमण और इससे संबन्धि रोग सबसे अधिक पाए जाते हैं। कृमि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अल्बेंडाजॉल (400 मि.ग्रा) दवाई का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक एवं प्रभावी उपाय है जो साक्ष्य आधारित और वैश्विक स्तर पर स्वीकृत है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की रूपरेखा इस तरह तैयार की गई है कि इस कार्यक्रम की पहुॅच सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों और किशोर-किशोरियों तक सुनिश्चित की जा सकें।
बच्चों को कृमि मुक्ति के उपचार का मिल सकेगा लाभ
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अगस्त 2019 चरण में उत्तर प्रदेश के चयनित 57 जनपदों के सभी सरकारी व निजी स्कूलों, आई0टी0आई पाॅलीटक्निक एवं पैरामेडिकल संस्थाओं और स्कूल न जाने वाले बच्चों को कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाऐगा ताकि राज्य के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति के उपचार का लाभ मिल सके। स्कूल न जाने वाले बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर आशा द्वारा आंगनवाडी केन्द्र पर कृमि नियंत्रण की दवाई खाने के लिए आने को प्रेरित किया जाएगा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों एवं अन्य के शैक्षिणिक संस्थाओं में पूर्ण उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रयास किये जायें जिससे अधिक से अधिक बच्चों का कवरेज संभव हो सके। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी हेतु राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार बच्चों को दवा खिलाने के लिए 1.92 लाख शि़क्षकों और 1.35 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं 1.25 लाख आशाओं और 16379 ए.एन.एम. को प्रशिक्षित किया गया है।
दवाई सभी के लिए सुरक्षित
कृमि नियंत्रण की दवाई सभी के लिए सुरक्षित है, किन्तु गंभीर कृमि संक्रमण वाले बच्चांे मंे यह दवाई खाने पर कुछ मामूली प्रतिकूल घटना (साइड इफेक्ट्स) हो सकते हैं जैसे कि जी मिचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, और थकान आदि। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गंभीर प्रतिकूल घटना नीति चरणें का पूरी तरह से पालन किया जाना निर्देशित है और सभी स्तर के अधिकारियों एवं चिकित्सालयों को इसके लिए तैयार किया गया है।
चयनित हुए यह जिले
इस कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश़ के चयनित 57 जनपदों (आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, मथुरा, कांसगंज, एटा, मैनपुरी, हाथरस, पीलीभीत, बरेली, सम्भल, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, शाहजहंापुर, अमरोहा, बदायॅू, जालौन, बांदा, हमीरपुर, चित्रकुट, झाॅसी, ललितपुर, महोबा, बाराबंकी, बलरामपुर, बहराइच, गोंडा, अयोध्या, अमेठी, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बस्ती, संतकबीरनगर, महाराजगंज, कानपुर नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, सोनभद्र, भदोही, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर, मऊ, एवं बलिया) के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी में 1 से 19 साल तक के सभी बच्चों और किशोरों को अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाकर कृमि मुक्त किया जाएगा। अनुपस्थिति या बीमारी के कारण जिन बच्चों को 29 अगस्त, 2019 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कृमि नियंत्रण की दवाई नहीं खिलाई जा सकेगी उन्हें 30 अगस्त से 4 सितम्बर माॅप-अप सप्ताह के दौरान एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाकर कृमि मुक्त किया जाएगा।