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Worm Liberation Day2019 : एल्बेण्डाजोल दवा खाना है, कृमि को भगाना है

locationलखनऊPublished: Aug 17, 2019 07:45:38 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

पहली बार इन कालेजों में भी खिलाई जाएगी यह दवा

National Worm Liberation Day

Worm Liberation Day2019 : एल्बेण्डाजोल दवा खाना है, कृमि को भगाना है

लखनऊ,मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में कृमि मुक्ति दिवस के लिए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 29 अगस्त को मनाया जाएगा। इस अवसर पर सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, आईआईटी,नर्सिंग कॉलेज,पॉलीटेक्निक, मदरसों, संस्कृत पाठशाला के अलावा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेण्डाजोल की गोली खिलायी जाएगी। जो बच्चे इस दिन किसी कारण से दवा नहीं खा पाएंगे, उन्हें 30 अगस्त से 4 सितम्बर तक आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मॉप अप राउंड के तहत घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देश में लगभग 76 प्रतिशत बच्चे कृमि से संक्रमित हैं।
पहली बार इन कालेजों में भी खिलाई जाएगी यह दवा

बच्चों में कुपोषण व एनीमिया का एक महत्वपूर्ण कारण पेट के कीड़े भी हैं। इससे बच्चों का मानसिक विकास भी बाधित होता है। पेट के कीड़ों की समस्या का इलाज संभव है। स्वास्थ्य, शिक्षा व समेकित बाल विकास विभाग के सहयोग से बच्चों में इस समस्या को समाप्त करना है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है जब आईटीआई, पॉलीटेक्निक व नर्सिंग कॉलेज के बच्चों को भी Albendazole खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार दीक्षित ने बताया कि हमें कुल 13,96,280 बच्चों को एल्बेण्डाज़ोल की दवा खिलानी है। जिसमें सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कुल 2,26,430, निजी व प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कुल 6,68,590, केंद्र प्रशासित स्कूलों के बच्चों की संख्या कुल 15,000, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 1-5 वर्ष तक के पंजीकृत बच्चों की संख्या कुल 3,13,572, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 1-5 वर्ष तक के गैर पंजीकृत बच्चों की संख्या 62,405 व स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या कुल 1,10,283 है।
दवा का नहीं है कोई side effect

डॉ. दीक्षित ने बताया कि एमओआईसी अपने अधीन एएनएम, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अपने अधीन आंगनवाड़ी कार्यकार्ताओं और सहायक खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए)अपने अधीन शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे और गोली खिलाने के तरीके व सावधानियों के बारे में बताएंगे | डॉ. दीक्षित ने कहा कि यह दवा खाली पेट नहीं खिलानी है। अगर कोई बच्चा बीमार है या उसे हल्का बुखार भी है तो उसे दवा नहीं खिलानी है। इस दवा का अभी तक कोई side effect सामने नहीं आया है लेकिन जिन बच्चों के पेट में कीड़ों की संख्या ज्यादा होती है उनमें दवा खाने के बाद कीड़े मरना शुरू हो जाते हैं जिसके कारण बच्चों में चक्कर आना, पेट में दर्द, उल्टी व जी मिचलाने की समस्या हो सकती है | ऐसा होने पर तुरंत ही 108 एंबुलेंस, कंट्रोल रूम, संबन्धित समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी व मेडिकल टीम को सूचित करें। इस दिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम स्कूलों का भ्रमण भी करेगी।
दिक्कत होने पर यहाँ करें फोन

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि लखनऊ शहर में कंट्रोल रूम का नंबर 0522-2622080 है। कोई समस्या आने पर इस नंबर पर सूचित करें। योगेश ने बताया कि 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 200 मिग्रा या एल्बेण्डाजोल की आधी गोली पीसकर खिलानी है तथा 3-19 वर्ष तक के बच्चों को 400 मिग्रा की एक गोली खिलानी है। यह दवा चबाकर ही खानी है | निगलने से इस दवा का कोई असर नहीं होगा। स्कूल नजाने वाले 6-19 वर्ष तक के बच्चों को आशा के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए आशा को 100 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जाएंगे। 1-5 वर्ष तक के बच्चों को आशा के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलाई जाएगी। ईंट भट्टों पर काम करने वाले परिवार के बच्चों, झोपड़पट्टी, घुमंतू परिवारों, नट आदि के बच्चों को एएनएम के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।
National Deworming Day एप भी लांच किया

जिला समुदाय परियोजना प्रबन्धक (डीसीपीएम) विष्णु प्रताप ने बताया कि नेशनल डिवर्मिंग डे (एनडीडी) एप भी लांच किया गया है। इसमें ब्लॉक स्तर पर ही डाटा की फीडिंग होनी है। एप में लड़का,लड़की,स्कूल जाने वाले,स्कूल न जाने वाले बच्चों, सरकारी स्कूलों,सरकारी सहायता प्राप्त व निजी स्कूलों का ऑप्शन होगा। जिसे बहुत सावधानी से भरना होगा क्योंकि जिला स्तर पर केवल रिव्यू व अप्रूवल होगा। राज्य स्तर पर इस डाटा को देखा जाएगा एवं डाटा का विश्लेषण किया जाएगा।
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