जिसकी जिम्मेदारी न केवल शासन प्रशासन की है, बल्कि पूरे समाज की है। राष्ट्र एवं प्रदेश को कृमि मुक्त बनाने के लिए जरुरी है कि अभियान चलाकर इसके बचाव हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। यह विचार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने अलीगंज स्थित पंचायत राज निदेशालय के लोहिया सभागार में एनीमिया मुक्त प्रदेश हेतु राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उद्घाटन के अवसर पर दिया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी एवं राज्य मंत्री स्वाती सिंह ने बच्चों को एलबेंडाजाॅल की गोली खिलाकर इस अभियान का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर डाॅ शर्मा ने कहा कि यह परजीवी बच्चों के समग्र विकास को रोक देता है। यह संक्रमण मुख्य रुप से एस टी एच अर्थात पेट के परजीवी से होता है। यह परजीवी पेट में पाए जाते हैं और खुले में शौच से संक्रमित हुई मृदा को छूने आदि से बच्चों के आंत में पहुंचकर अंडे दे देते हैं और बच्चों के पोषक तत्वों को अपने विकास में ले लेते हैं,अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 7 करोड से अधिक बच्चों को एलबेंडाजाॅल की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, वहीं लखनऊ में 16 लाख से अधिक बच्चों को एलबेंडाजाॅल की टेबलेट खिलाने का लक्ष्य रखा गया है,
जिससे बच्चों का समग्र विकास रुक जाता है। अंततः यह क्रिया बच्चों में एनीमिया, कुपोषण, पेट में दर्द, शारीरिक कमजोरी, उल्टी, दस्त, भूख कम लगना, मानसिक रोग एवं कुष्ठ रोग जैसी गम्भीर बीमारियों को जन्म देता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के सहयोग से प्रदेश के 7 करोड़ से अधिक बच्चों को एलबेंडाजाॅल का टेबलेट दिए जाने का यह अभियान प्रशंसनीय है। इससे प्रदेश को कृमि मुक्त बनाया जा सकेगा।इस अभियान के तहत बच्चों को कुपोषण , खून की कमी जैसी बीमारियों से बचाने के लिए आज से कृमि मुक्ति दिवस अभियान प्रारंभ किया गया, जिसमें बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा दी जाएगी। यह अभियान पहली बार यूपी के सभी 75 जिलों में चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सरकारी विद्यालयों, निजी विद्यालयों तथा आंगनवाडी केंद्रों में 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को डीवार्मिंग की गोलियों का वितरण किया जाएगा। अभियान के तहत एक साल से 2 साल के बच्चों को एलबेंडाजाॅल की आधी गोली जबकि 2 साल से 19 साल के बच्चों को एलबेंडाजाॅल की पूरी गोली दी जाएगी।