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लॉकडाउनः नवाबों का शहर, ताजनगरी, गंगा व गोमती की एक माह में बदल गई तस्वीर, सदी में पहली बार प्रकृति ने खुलकर ली सांस

locationलखनऊPublished: Apr 24, 2020 07:50:10 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

लॉकडाउन के बहाने प्रकृति हुई संतुलित, देखिए एक माह में यूपी में आबोहवा में कैसे आया अतंर.

lockdown affect

lockdown affect

लखनऊ. लॉकडाउन ने वह कर दिया, जो तमाम योजनाएं न कर सकीं। प्रकृति अब निखर रही है व संतुलित हो रही है। प्रमुख नदियों का साफ होना व हवा का शुद्ध होना, इसका बड़ा प्रमाण है। लॉकडाउन के दौरान देश में गैर-जरूरी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी है, बसें, रेल व हवाए सेवाएं सभी ठप हैं। साथ ही सभी बड़े कारखाने बंद हैं। इस कारण एक माह पहले तक जो नदियां व हवा सवच्छता से दूर होती जा रही थीं, वह अब दोबारा निर्मल हो रही हैं। ताजनगरी, नवाबों के शहर, संगमनगरी, गंगा व गोमती जैसी नदियों की तस्वीरें बदल गई हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के दौरान लखनऊ और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 के आसपास रहा है। लखनऊ का एक्यूआई 78 दर्ज किया गया है। जो मध्यम श्रेणी में आता है। कुछ ऐसा ही हाल यूपी के अन्य जिलों का भी है। पर्यावरण की जानकारी रखने वाले प्रमोद कांबले के अनुसार इस वक्त हम सदी की सबसे स्वच्छ हवा में जी रहे हैं।
लॉकडाउन का एक महीने पूरा होने को है। ऐसे में जानिए आखिर कैसे बदली-बदली सी नजर आ रही प्रमुख शहरों की तस्वीरें-

Lucknow Rumi gate
लखनऊ- नवाबों के शहर लखनऊ की इन दो तस्वीरों को देख आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रकृति के साथ हमने व्यवहार ठीक नहीं रखा। यह तस्वीर लखनऊ के रूमी दरवाजे की है। लॉकडाउन के बाद रूमी दरवाजा के करीब से नीला अंबर इतना नीला पहले ही शायद कभी दिखा हो।
Tajmahal
आगरा- बेपनाह इश्क की निशानी ताजमहल, जहां हर रोज हजारों सैलानी दूर- दूर से इसका दीदार करने आते थे, वह सुनसान है, लेकिन अब पहले से और भी ज्यादा खूबसूरत है।

Bareilly
बरेली में 25 साल में साफ दिखा-
बरेली का आसमान पिछले 25 सालों में इतना साफ नहीं दिखा। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स जो 200 के ऊपर रहता था, वह लॉकडाउन के बाद अब 42 पर आ गिरा है। वहीं जिले में बहने वाली रामगंगा नदी का पानी भी पहले की तुलना में कई गुना साफ़ हो गया है।
Meerut
नोएडा. पश्चिमी यूपी के कई जिलों की ओबाहवा ऐसा सुधर गई है, मानों यहां कभी प्रदूषण था ही नहीं। मेरठ की ऐसी आबोहवा 100 साल पहले हुआ करती थी। यहां एक्यूआई एक माह पहले तक 350 से ऊपर था। वहीं अब यह गिरकर 88 तक पहुंच गया है। नोएडा, सहारनपुर और मुरादाबाद में पहले कभी आसमान में सितारें तक नहीं दिखते थे लेकिन अब पूरा आसमान साफ नजर आता है।
Ganga river
गंगा नदी-

गंगा नदी को स्वच्छ रखने के लिए वर्षों से कई योजनाएं व कोरोड़ों रुपये बहाए गए, लेकिन ऐसे नतीजे पहले कभी नहीं दिखे। लॉकडाउन के बाद गंगा व गोमती जैसी नदियां इतनी साफ हो गईं कि कहीं-कहीं तो नदी के नीचे जमीन की सतह भी नजर आने लगी है।
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