कार्यक्रम का आयोजन सोहम योग, इंदिरा नगर में किया गया। कार्यक्रम संयोजक गोपेंद वर्मा ने बताया इसमें कलाकार अलग-अलग पेशे से जुड़े हुए हैं
जो कि अपने व्यस्त समय से कुछ पल अपने लिए निकाल कर गुनगाने आयें हैं। कार्यक्रम में जिन कलाकारों ने भाग ले लिया। उन्होंने कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ले रखी थी। फिर भी दिल से गाना गाकर कार्यक्रम को सफल बनाया और उनका अंदाज अलग रहा। जिससे कार्यक्रम को सफलता की ऊंचाई तक ले जा सके। यूथ हास्टल, उ०प्र० राज्य शाखा के प्रातींय उपाध्यक्ष व सचिव पंकज श्रीवास्तव ने बताया कार्यक्रम का मकसद उन कलाकारों को मंच देना था।
जिन्होंने संगीत को पेशा ना बनाकर जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़े। परंतु कहीं न कहीं गीत- संगीत उनके हृदय में बसता रहा। हमनें हर शख्स को यहाँ मंच पर पूरी प्रतिभा दिखने का मौका दिया। कायँकृम का सफल संचालन अरशद आज़म व नेहा शमाँ ने किया। अतिथि के रुप अरविंद यादव ,प्रबंधक अवध एकादमी कालेज, गायक प्रणव श्रीवास्तव, जी०टी०वी० लिटिल चैंप व सारेगामापा फेम, सतीश दलेला, सेवानिवर्त असिस्टेंट सेल्स कमिश्नर, आर0 बी0 सिंह , सेवानिवर्त,सीईओ ओर्गनीक इंडिया,संगीतकार पूजनीय वी. सी. वर्मा जी ने हरमोनियम पर मधुर धुन बजाईं "प्यार हुआ इकरार हुआ", "कजरा मुहब्बत वाला", धुनें सुन सभी उपस्थित कलाकार झूम उठे।
धवनी नियंत्रक (डी०जे०) अमित अरोड़ा जी ने अपनी संगीत धुन पर सबको दीवाना बनाया। डा० रवि सिहं ने "तुम्हारे सिवा न कुछ ना चाहत करेंगे" फिल्म तुम बिन,अंजली मंगेशकर ने माही वे व मै फिर भी तुमको चाहूंगी, "सैम" ने ,"मेरे नैना सावन भादों, पूणिर्मा श्रीवास्तव ने "ऐ दिल मुझे बता दे" ,पल्लवी चतुर्वेदी ने "मुझे और जीने की चाहत न थी",राज जोशी ने "जब दीप जले आना" सीमा श्रीवास्तव (आकाशवाणी कलाकार) ने " जिन्दगी प्यार का गीत हैं" कामद पाण्डे ने "पीत की लत मुझे" श्याम ने "छू कर मेरें मन को" आयँन ने ,"हमारी अधुरी कहानी",डॉ॰ रेणु जैन ने “ये समा समा हैं ये प्यार” गीत सुनाया। चंद्र भूषण अग्रवाल,पी०आर०ओ०,राजेश त्रिवेदी कोषाध्यक्ष,,शान-ए-अवध इकाई ने भाग लिया।सभी प्रतिभागियों को अतिथि द्वारा प्रमाणपत्र से संम्मनित किया गया।