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Navratri 2018 : जानें – चैत्र नवरात्रि पर्व का समय, पूजाविधि, और शुभ मुहूर्त

locationलखनऊPublished: Mar 06, 2018 10:35:25 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

Navratri 2018 : चैत्र नवरात्रि पर्व भारतवर्ष में हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। शुभ मुहूर्त 25 मार्च को सुबह 06:08 से रात 08:10 बजे तक रहेगा।

Navratri 2018 date time puja vidhi or shubh muhurat

Neeraj Patel

Navratri 2018 : चैत्र नवरात्रि पर्व भारतवर्ष में हिंदूओं द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है। इस दौरान मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि पर्व चैत्र माह में 18 मार्च से शुरू होगी। चैत्र के महीने में नवरात्रि पड़ने से इस त्यौहार को चैत्र नवरात्रि पर्व कहते हैं और इस साल यह पर्व आठ दिन का रहेगा। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी एक साथ 25 मार्च को एक ही दिन पड़ रही है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी एक साथ पड़ने से यह स्थिति बनी है। इससे अष्टमी-नवमी का पूजन के एक ही दिन 24 मार्च को किया जाएगा।

लखनऊ निवासी पंडित दिलीप दुवे ने बताया है कि चैत्र नवरात्रि पर्व दो तिथियां अष्टमी-नवमी एक ही दिन होने से ऐसी स्थिति बनती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 18 मार्च से शुरू होगी और 25 मार्च को अष्टमी-नवमी के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। आखिरी दिन अष्टमी-नवमी तिथि एक दिन रहेगी। 25 मार्च को रामनवमी मनाई बड़े ही धूमधाम से मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त 25 मार्च को सुबह 08:02 बजे तक रहेगा। चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ सर्वार्थसिद्धि योग में होगा। यह योग इस दिन सूर्योदय 06:08 से रात 08:10 बजे तक रहेगा। समापन दिवस पर ही रामनवमी का शुभ मुहूर्त रहेगा।

बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वासंती नवरात्र तो शरद ऋतु में आने वाले आश्विन मास के नवरात्र को शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है। चैत्र और आश्विन नवरात्र में आश्विन नवरात्र को महानवरात्र कहा जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि ये नवरात्र दशहरे से ठीक पहले पड़ते हैं दशहरे के दिन ही नवरात्र को खोला जाता है। नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है।

नवरात्री में इन नौ देवियों की करें पूजा

1. शैलपुत्री – इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।
2. ब्रह्मचारिणी – इसका अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
3. चंद्रघंटा – इसका अर्थ- चांद की तरह चमकने वाली।
4. कूष्माण्डा – इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
5. स्कंदमाता – इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
6. कात्यायनी – इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
7. कालरात्रि – इसका अर्थ- काल का नाश करने वली।
8. महागौरी – इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
9. सिद्धिदात्री – इसका अर्थ- सर्व सिद्धि देने वाली।

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