माँ दुर्गा ने दी थी नयी जिन्दगी दरअसल अनीस अहमद जब 14 साल का था तो मंदिर के प्रांगण में लेटा हुआ था। उसी दौरान एक जहरीने साँप ने उसे काट लिया। साँप का ज़हर इतना तेज था कि वो कुछ ही देर में बेहोश हो गया और सुधबुध खो दिया। उसके माँ-बाप उसे मंदिर परिसर में ही गोद में लिये बैठे रहे और उसकी जिन्दगी की दुआएं मांगते रहे। कुछ ही देर में उसे अपने आप होश आने लगा और वो ठीक हो गया। तबसे लेकर आज तक वो लगातार मंदिर में माँ की आराधना कर रहा है। अनीस और उसके घरवालों का मानना है कि माँ दुर्गा ने ही उसकी जान बचायी है।
आम सहमति से मिली पूजा की अनुमति मामला उस वक्त लोगों की नज़र में आया जब यहां जिल के बसौठ गाँव में बड़ी माता मंदिर में श्रद्धालुओं में कुछ ने उसे पहचान लिया कि ये मुस्लिम है तो हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर पुलिस तक पहुँच गयी। बाद में जब युवक ने माँ की आराधना करने की वजह बतायी तब पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों की आम सहमति से अनीस को पूजा की अनुमति दी गयी।