लखनऊ

राजधानी में कोरोना से अनाथ हुए 200 बच्चों का सरकार बनेगी सहारा, प्रशासन के सर्वे में सामने आई यह बात

Nearly 200 Children Loose Parents or One In Between Them Due To Covid. कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के कारण तमाम बच्चों के सिर से उनके माता पिता का साया उठ गया है। कई हंसते-खेलते परिवार उजड़ गए हैं। कल तक जो बच्चे अपने माता पिता की छांव में रहते थे, आज वही कोरोना के साए में अनाथ हो गए हैं।

लखनऊJun 16, 2021 / 03:15 pm

Karishma Lalwani

Nearly 200 Children Loose Parents or One In Between Them Due To Covid

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. Nearly 200 Children Loose Parents or One In Between Them Due To Covid. कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के कारण तमाम बच्चों के सिर से उनके माता पिता का साया उठ गया है। कई हंसते-खेलते परिवार उजड़ गए हैं। कल तक जो बच्चे अपने माता पिता की छांव में रहते थे, आज वही कोरोना के साए में अनाथ हो गए हैं। राजधानी लखनऊ में अब तक 200 ऐसे बच्चे हैं, जिनके सिर से उनके अभिभावकों का साया उठ गया है। 22 ऐसे बच्चे हैं जिनके सिर से माता और पिता दोनों की कोविड से मृत्यु हो गई है। जबकि शेष बचे बच्चों ने अपने माता या पिता में से किसी एक को खोया है। सरकार ने बाल सेवा योजना (Bal Sewa Yojana) के तहत कोरोना महामारी में अपने अभिभावकों को खो चुके बेसहारा और अनाथ बच्‍चों के भरण-पोषण के लिए सर्वे के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद ही टास्क फोर्स बनाकर अनाथ हुए बच्‍चों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। तहसीलों से भी टीमें जांच में लगाई गई थीं।
टोल फ्री नंबर पर दे सकते हैं जानकारी

अब तक 52 बच्चों के आवेदन पूरे किए जा चुके हैं। संबंधित तहसीलों को सत्यापन के लिए भेजा जा चुका है। बाकी बच्‍चों के आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक अगर कोई बच्चा बाल सेवा योजना के दायरे में आ रहा है तो उसकी जानकारी चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर दी जा सकती है। आवेदन ब्लाक, तहसील या फिर जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय के माध्यम से भी कर सकते हैं।
दो लाख रुपये का आय प्रमाणपत्र देना जरूरी

आवेदन करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जिन बच्चों के माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु हो गई है उनके मौजूदा अभिभावक को दो लाख रुपये का आय प्रमाणपत्र देना होगा। वहीं जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गई है, उनको किसी तरह के आय प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। योजना के तहत बच्चों के जीवन यापन के अलावा शिक्षा के साथ आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसके अलावा बालिकाओं की शादी के लिए भी धनराशि दी जाएगी।
योजना का लाभ

0-10 साल तक की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में चार हजार रुपये प्रतिमाह की धनराशि देय होगी। शर्त यह है कि औपचारिक शिक्षा के लिए उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हों व बाल कल्याण समिति के आदेश से उनको बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराया गया हो, उनको कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। 11 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों की कक्षा 12 तक की निशुल्क शिक्षा रहेगी।
अगर बच्चों के संरक्षक उनको आवासीय स्कूलों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते तो बच्चों की देखरेख व शिक्षा के लिए उनके 18 साल की आयु का होने या कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक चार हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। बच्चे को औपचारिक शिक्षा के लिए अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।
माता-पिता या दोनों में से किसी एक की मृत्यु से दो साल के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा। किसी भी बच्चे को अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा। आवेदनों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ व शहरी में एसडीएम द्वारा किया जाएगा।
बालिकाओं की शादी के लिए धनराशि

सरकार बालिकाओं की शादी के लिए धनराशि जारी करेगी। बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टेबलेट/लैपटॉप की सुविधा एक बार देगी।

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