कोरोना वायरस की चौथी लहर को लेकर अलर्ट वैसे तो इस वक्त यूपी सहित पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण धीमा पड़ गया है। पर आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस की चौथी लहर को लेकर एक बार फिर अलर्ट किया। आईआइटी वैज्ञानिकों का दावा है कि, कोरोना की चौथी लहर 22 जून से प्रभावी हो सकती है। चौथी लहर का 23 अगस्त को पीक होगा और 22 अक्तूबर तक इसका प्रभाव पूरी तरह धीमा पड़ जाएगा। इस दावे के बाद एक बार फिर से यूपी सकते में आ गया है।
नीम की छाल का रस है जादुई वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान देख कि, कोरोना संक्रमित जानवरों के फेफड़ों पर जब नीम की छाल के रस डालते हैं तो वह वायरस को बढ़ने और संक्रमण को कम करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो एनशूट्ज मेडिकल कैंपस और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसइआर) कोलकाता के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर मॉडलिंग से इस राज का खुलासा किया कि, नीम की छाल का रस वायरस के स्पाइक प्रोटीन से चिपकने में सक्षम है। जिस वजह से कोरोना वायरस इंसानी शरीर के होस्ट सेल्स को संक्रमित नहीं कर पाएगा।
कोरोना वायरस होने पर सिर्फ नीम से बनी दवा होगी कारगर जर्नल वायरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कोरोनावायरस के खिलाफ नीम पर आधारित दवा बनाना है। हमें उम्मीद है कि हर बार नया कोरोनावायरस वैरिएंट आने पर नए उपचार विकसित नहीं करने होंगे। कोरोना होने पर नीम से बनी हुई दवा का इस्तेमाल होगी। इससे गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा।
कोरोना को हराने वाले कॉम्पोनेंट की हो रही खोज बताया गया है कि,फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि नीम की छाल के रस का कौन सा कॉम्पोनेंट कोरोना के खिलाफ काम करता है। इसके बाद नीम से एंटी वायरल दवा बनाकर उसकी खुराक तय की जाएगी।