हालांकि परीक्षा को न टालने के लिए भी ( Supreme court) सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी। गुजरात पैरेंट्स एसोसिएशन की तरफ से डाली गई इस याचिका में कहा गया था कि पहले से ही काफी एकेडमिक ईयर खराब हो चुका है इसलिए परीक्षा समय पर करवाई जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि परीक्षा में देरी होने से बच्चों के मस्तिष्क पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। 11 राज्यों के छात्रों ने देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना महामारी के मामलों की संख्या के मद्देनजर जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।