सूत्र बताते हैं कि दिल्ली और सहारनपुर में जैश ए-मोहम्मद के जिस एरिया कमांडर की खातिरदारी और रेकी करने की बात गई है वह भारत-नेपाल सीमा के रास्ते ही काठमांडू जाकर पाकिस्तान भाग गया। पकड़े गए आतंकियों के बयानों के मद्देनजर अब भारत-नेपाल सीमा पर दोनों ओर बने मस्जिद और मदरसों में गैर भारतीय-गैर नेपाली मौलानाओं को चिन्हित किया जा रहा है। सीमा पर भारतीय खुफिया तंत्र नेपाल पुलिस के साथ मिल कर संदिग्धों की खोजबीन का संयुक्त अभियान चला रही है। इस बीच यूपी के आईएसआई प्रभावित जिलों में विशेष अभियान चला के संदिग्धों की खोजबीन की जा रही है। बता दें कि योगी सरकार आने के बाद पिछले 23 माह में एक भी आतंकवादी राज्य सरकार की लचर पैरवी के कारण छूट नहीं पाया है।
जबकि पिछली बसपा और समाजवादी पार्टी की सरकार में जेल में निरुद्ध एक दर्जन से ज्यादा आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपी छूटे थे। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव द्वारा विधानसभा में आईएसआई प्रभावित जिलों की बताई गई सूची पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे जिलों और संदर्भों का स्वयं संज्ञान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से जुड़े सूत्रों की मानें तो यूपी से आईएसआई का नेटवर्क जल्द ही ध्वस्त हो जाएगा। स्वयं मुख्यमंत्री आईएसआई से जुड़े सूची की जानकारी के देने की बात पर कहते हैं कि विपक्ष के दबाव में सूची तो जारी कर सदन को औगत करा दिया लेकिन कार्यवाई क्या किया इसका पता लगाया जा रहा है।