बता दें कि उत्तर प्रदेश में तहसीलों से हिंदी भाषा में जारी होने वाले जाति प्रमाणपत्रों के कारण गैर हिंदी भाषी राज्यों में जरूरतमंद लोगों को लाभ पाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और लोग लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं लेकेिन अब ऐसा नहीं होगा। अब जल्द ही लोगों की इस समस्या से समाधान हो जाएगा। अब इसके लिए योगी सरकार ने सभी के जाति प्रमाण-पत्रों को अग्रेंजी में जारी करने का फैसला किया है। जिससे लोगों अन्य गैर हिन्दी भाषी राज्यों में लाभ मिल सके।
अंग्रेजी जाति प्रमाण-पत्र के लिए होगा अलग प्रोफॉर्मा
उत्तर प्रदेश शासन ने अब अंग्रेजी भाषा में एक निर्धारित प्रोफॉर्मा पर जाति प्रमाण-पत्र बनाकर जारी किए जाने का आदेश सभी तहसीलों को जारी कर दिया है। इस संबंध में जारी शासनादेश में सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह की तरफ से भी निर्देश जारी कर कहा गया है कि सभी तहसीलों से अब प्रदेश या प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों की सेवाओं में जातिगत आरक्षण का लाभ पाने के लिए आवेदकों को हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा में भी जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जाए।
जाति प्रमाण-पत्र अंग्रेजी में कैसे होगा सत्यापन
जाति प्रमाण-पत्र के सत्यापन के लिए आवेदन के साथ-साथ राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित शपथ भी प्रस्तुत करना होगा। इसमें अभ्यर्थी की जाति/उपजाति जनजातीय समुदाय के वर्ग या भाग निवास आदि से जुड़ी पूरी जानकारी होनी अति आवश्यक है। इसी के आधार पर तहसील स्तर से सक्षम अधिकारी आवेदक से जुड़ी पूरी जानकारी का स्थलीय सत्यापन करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर हिंदी के साथ ही निर्धारित प्रोफार्मा पर अंग्रेजी में लिखा जाति प्रमाणपत्र आवेदक के मांगने पर तहसील से जारी किया जाएगा।।
जातिगत आरक्षण पाने में होगा फायदा
अंग्रेजी के जाति प्रमाण-पत्र का सबसे बड़ा फायदा गैर हिंदी भाषी राज्यों में जातिगत आरक्षण पाने में होगा। अब उन्हें हिंदी में बने जाति प्रमाण पत्र का सक्षम प्राधिकारी स्तर से अंग्रेजी में अनुवाद कराने की परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा। शासन के निर्देश के बाद राजधानी की पांचों तहसीलों के एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें आवेदकों के जाति प्रमाणपत्र हिंदी भाषा के साथ ही अंग्रेजी भाषा में भी तैयार कर जारी किए जाने की व्यवस्था तत्काल शुरू कराने को कहा गया है।