script20 साल बाद रेप के झूठे केस में मिले निर्दोष के मामले में यूपी सरकार व डीजीपी को एनएचआरसी का नोटिस | NHRC notice to UP govt over innocent released after 20 years jail | Patrika News

20 साल बाद रेप के झूठे केस में मिले निर्दोष के मामले में यूपी सरकार व डीजीपी को एनएचआरसी का नोटिस

locationलखनऊPublished: Mar 05, 2021 06:54:30 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

रेप (Rape) के झूठे आरोप में 20 साल की सजा काट चुके निर्दोष (Innocent) विष्णु तिवारी के मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मुख्य सचिव और यूपी डीजीपी (UP DGP) को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

Innocent

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. रेप (Rape) के झूठे आरोप में 20 साल की सजा काट चुके निर्दोष (Innocent) विष्णु तिवारी के मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मुख्य सचिव और यूपी डीजीपी (UP DGP) को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। 43 वर्षीय विष्णु तिवारी को, 23 वर्ष की उम्र में बलात्कार के एक मामले में ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब बीस साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसे निर्दोष घोषित किया है। इन 20 वर्षों में विष्णु के परिवार के कई सदस्यों की मृत्यु हो गई। जेल में उनका आचरण हमेशा अच्छा पाया गया, लेकिन बावजूद उसके उन्हें अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने तक के लिए इजाजत नहीं दी गई। उन्हें अपने भाई के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया गया।
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एनएचआरसी ने मांगी रिपोर्ट-
एनएचआरसी ने कहा कि ऐसे कई मामलों हो सकते हैं, जिसमें 75 साल से अधिक उम्र के निर्दोष जेल में सजा काट रहे हों, जो स्पष्ट रूप से सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (sentence review board) की निष्प्रभाविता को दर्शाते हैं। आयोग ने पाया कि यदि ऐसा है तो यह पीड़ित के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। एनएचआरसी ने मुख्य सचिव और यूपी डीजीपी को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। इसमें मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में ब्योरा मांगा गया है। साथ ही पीड़ित को इन वर्षों में पहुंचाई गई चोट की क्षतिपूर्ति के लिए राहत और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम के बारे में जानकारी मांगी गई है।
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यह था मामला-
विष्णु तिवारी को 16 सितंबर, 2000 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर रेप और एट्रोसिटीज के तहत एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया था। साल 2003 में उसे ललितपुर की अदालत ने रेप के मामले में 10 साल व एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। कोर्ट के आदेश के मुताबिक दोनों सजाएं साथ-साथ चलनी थीं। तिवारी पर आरोप था कि उसने गांव की एक महिला का उस समय बलात्कार किया जब वह घर से खेत में काम करने के लिए जा रही थी।
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