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NIPAH Virus का यूपी में भी दे सकता है दस्तक,ऐसे करे बचाव इसका नहीं है कोई इलाज, रहे सावधान

locationलखनऊPublished: May 22, 2018 02:22:45 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Nipah Virus Alert in UP : यह वायरस यूपी में कभी भी दस्तक दे सकता है। केरल के बाद निपाह वायरस की यूपी में भी फैलने की आशंका

NIPAH virus can entry in uttar pradesh india

Alert : NIPAH वायरस यूपी में भी दे सकता है दस्तक, इसका नहीं है कोई इलाज, रहे सावधान

लखनऊ. निपाह नाम के वायरस ने दक्षिण भारत में दस्तक दे चुका है। जिससे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस जानलेवा वायरस ने केरल के 9 लोगों को मौत का रास्ता दिखा चुकी है। इसके अलावा यह वायरस यूपी में कभी भी दस्तक दे सकता है। इस वायरस से बचने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस NIPAH नाम के वायरस को फैलने से रोकने के लिए उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों के डॉक्टरों की एक टीम को जांच करने की तैयारियों का आदेश दिया है। क्योंकि यह NIPAH नाम के वायरस से अन्य राज्यों सहित उत्तर प्रदेश के लोगों को भी खतरा हो सकता है।

डॉक्टरों के अनुसार

लखनऊ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इसके बारे में थाड़ी सी जानकारी दे पाई है। बताया है कि इस वायरस से लोगों को सबसे पहले शुरूआती दौर में बुखार, सिरदर्द की समस्या होती है। जिससे इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होता है।

इलाज के लिए कोई दवा नहीं

लखनऊ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया है कि इस NIPAH नाम के वायरस को रोकने के लिए अभी तक कोई दवा ही नहीं बनाई गई है। इसके अलावा NIPAH नाम के वायरस सो फैलने वाली बीमारी के इलाज के लिए कोई दवा नहीं है और नहीं ही कोई इससे बचने के लिए कोई ईजाद किया गया है। अगर आपने समय रहते ही सही उपचार लिया तो आप इस वायरस से होने वाली बीमारी से बच सकते हैं। ऐसी बीमारियों को लोगों को बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए।

इस वायरस का तीसरा हमला

भारत में निपाह वायरस का हमला पहली बार नहीं हुआ है। देश में निपाह वायरस का पहला मामला वर्ष 2001 के जनवरी और फरवरी माह में पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में दर्ज किया गया था। इस दौरान 66 लोग निपाह वायरस से संक्रमित हुए थे। इनमें से उचित इलाज न मिलने की वजह से 45 लोगों की मौत भी हो गई थी। वहीं, निपाह वायरस का दूसरा हमला वर्ष 2007 में पश्चिम बंगाल के नदिया में दर्ज किया गया था। उस वक्त पांच मामले दर्ज किए गए थे, इसमें से पांचों की मौत हो गई थी।

ऐसे फैलती है यह बीमारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। चमगादड़ और फ्लाइंग फॉक्स मुख्य रुप से निपाह और हेंड्रा वायरस के वाहक माने जाते हैं। यह वायरस चमगादड़ के मल, मूत्र और लार में पाया जाता है। आरएनए या रिबोन्यूक्लिक एसिड वायरस परमिक्सोविरिडे परिवार का वायरस है, जो कि हेंड्रा वायरस से मेल रखता है। ये वायरस निपाह के लिए जिम्मेदार होता है। यह इंफेक्‍शन फ्रूट बैट्स के जरिए फैलता है। शुरुआती जांच के मुताबिक खजूर की खेती से जुड़े लोगों को ये इंफेक्‍शन जल्द ही अपनी चपेट में ले लेता है।

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