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नगर निकाय चुनाव :नहीं हुआ परिसीमन में कुछ बदलाव, आरक्षण की तैयारी में जुटा प्रशासन

locationलखनऊPublished: Sep 16, 2017 08:20:00 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

नए सिरे से हुए परिसीमन में कुछ ख़ास बदलाव नहीं हुए हैं।

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लखनऊ। 2011 की जनगणना के अनुसार परिसीमन पूरा कर लिया गया है। लगभग 3 महीने पहले आयी आपत्ति या तो ख़ारिज हो चुकी हैं या उनका निवारण किया जा चुका है। शनिवार को परिसीमन की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब वार्डो के आरक्षण की तैयारी में प्रशासन जुट चुका है।सूबे में निकाय चुनाव की तैयारी तेज़ हो चुकी हैं। आगामी नवंबर में चुनाव होने हैं। ऐसे में राजधानी के वार्डों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है लेकिन सीमाओं में उलटफेर हुआ है। जहां कुछ वार्ड एक में मिलने के चलते एक ही पार्टी के उम्मीदवारों की दावेदारी दांव पर है तो कुछ वार्ड की सीमाओं में बदलाव के चलते टक्कर नए चेहरों के बीच होगी। अप्रैल में परिसीमन को लेकर आपत्तियां मांगी गए जो आप निस्तारित हो चुकी हैं। परिसीमन को अंतिम रूप देकर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।
अब रैपिड सर्वे में जुटा प्रशासन
हालंकि आरक्षण तय करने के लिए रैपिड सर्वे का कार्य भी तेज़ी से चल रहा था। जानकारों की माने तो रेपिड सर्वे का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के लिए रेपिड सर्वे कराया गया है। अब इसी के आधार पर 110 वार्डों का आरक्षण तय होगा। बुधवार तक इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेज दी जाएगी। आरक्षण तय करने के लिए प्रस्ताव और रिपोर्ट प्रशासन से 18 सितम्बर तक मांगी गए है। रिपोर्ट शासन को मिलने के बाद अगले एक सप्ताह में आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम सूची पर मोहर लगेगी।
अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने बताया कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं। अगले दो दिनों में आरक्षण का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जाएगा।

बताते चलें कि नगर निकाय चुनाव पहले जून में होने थे। उस दौरान नगर निगम ने आनन-फानन में वार्डों के परिसीमन का काम शुरू कराया। यूं कहें कि महीनों का काम कुछ ही दिनों में किया गया। परिसीमन में ज्यादातर वार्डों का नक्शा बदला गया था। नए सिरे से आरक्षण तय करने के लिए रैपिड सर्वे हुआ। पिछड़ी वर्ग की जनसंख्या की गणना के बाद आरक्षण तय हुआ। लेकिन इन सब के बावजूद शासन ने चुनाव को टाल दिया और इस प्रक्रिया को एक बार फिर करने को कहा गया। लेकिन सूत्रों का दावा है कि नए सिरे से हुए परिसीमन में कुछ ख़ास बदलाव नहीं हुए हैं।
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