अब रैपिड सर्वे में जुटा प्रशासन
हालंकि आरक्षण तय करने के लिए रैपिड सर्वे का कार्य भी तेज़ी से चल रहा था। जानकारों की माने तो रेपिड सर्वे का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के लिए रेपिड सर्वे कराया गया है। अब इसी के आधार पर 110 वार्डों का आरक्षण तय होगा। बुधवार तक इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेज दी जाएगी। आरक्षण तय करने के लिए प्रस्ताव और रिपोर्ट प्रशासन से 18 सितम्बर तक मांगी गए है। रिपोर्ट शासन को मिलने के बाद अगले एक सप्ताह में आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम सूची पर मोहर लगेगी।
हालंकि आरक्षण तय करने के लिए रैपिड सर्वे का कार्य भी तेज़ी से चल रहा था। जानकारों की माने तो रेपिड सर्वे का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के लिए रेपिड सर्वे कराया गया है। अब इसी के आधार पर 110 वार्डों का आरक्षण तय होगा। बुधवार तक इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेज दी जाएगी। आरक्षण तय करने के लिए प्रस्ताव और रिपोर्ट प्रशासन से 18 सितम्बर तक मांगी गए है। रिपोर्ट शासन को मिलने के बाद अगले एक सप्ताह में आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम सूची पर मोहर लगेगी।
अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने बताया कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं। अगले दो दिनों में आरक्षण का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जाएगा। बताते चलें कि नगर निकाय चुनाव पहले जून में होने थे। उस दौरान नगर निगम ने आनन-फानन में वार्डों के परिसीमन का काम शुरू कराया। यूं कहें कि महीनों का काम कुछ ही दिनों में किया गया। परिसीमन में ज्यादातर वार्डों का नक्शा बदला गया था। नए सिरे से आरक्षण तय करने के लिए रैपिड सर्वे हुआ। पिछड़ी वर्ग की जनसंख्या की गणना के बाद आरक्षण तय हुआ। लेकिन इन सब के बावजूद शासन ने चुनाव को टाल दिया और इस प्रक्रिया को एक बार फिर करने को कहा गया। लेकिन सूत्रों का दावा है कि नए सिरे से हुए परिसीमन में कुछ ख़ास बदलाव नहीं हुए हैं।