लखनऊ

जांच न दवा, सिर्फ नब्ज पकड़कर बता देतें हैं बीमारी

कई सालों से जिले में दे रहे हैं नि:शुल्क सेवा।
 

लखनऊAug 11, 2017 / 11:01 pm

Ashish Pandey

Dr. Yadav

रायबरेली. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां मोदी सरकार की योजनाओं को प्रदेश के प्रत्येक जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सा को लेकर काफी उत्साहित दिखाई पड़ रही है। और उनका कहना भी ठीक है कि हमारे देश में पुरानी पद्धति आयुर्वेदिक हो या प्राकृतिक चिकित्सा लोगों में काफी महात्व रखती है और इससे नुकसान कम फायदा ज्यादा होता है। और खर्चा भी काफी कम पड़ता हैं। इसी प्राकृतिक चिकित्सा को रायबरेली जिले में डाक्टर भगवानदीन यादव काफी वर्षों से करते आ रहे हैं। वे मरीजों की निशुल्क सेवा करते हैं। वे जिले में ही नहीं कई अन्य जिलों में भी निशुल्क सेवा भाव करते आ रहे हैं। जहां पर न जाने कितनी जनता और कितने अधिकारियों जो सभी पेशोंं से जुड़े रहे है आते रहते हैं। यहां तक की जिला अस्पताल के डाक्टर और सीएमओ और न्याय विभाग के न्यायाधीश भी इनकी चिकित्सा पद्धति से इलाज कराकर फायदा लिए हैं।
1996 से रायबरेली में सक्रिय डाक्टर भगवानदीन पूर्व में संस्थागत विद्यालय में बाबू के पद पर तैनात थे। बारांबकी मेे नौकरी के दौरान इन्हें भयंकर कमर दर्द हुआ। एलोपैथिक इलाज से लाभ नहीं मिला तो इन्होने एक्यूप्रेशन पद्धति से अपना इलाज कराया। तीन माह मेंं ये बिलकुल ठीक हो गए। इसके बाद उन्होंने एक्यूपेशर को आत्मसात कर लिया। इलाहाबाद में एक्यूपे्रशर थेरेपी में डिप्लोमा करने के बाद पहले बाराबंकी फिर लखनऊ और आखिर में अपने पैत्रिक जिला रायबरेली आ गए। यहां अब तक उन्होंने 50 से ज्यादा कैंप लगाकर पांच हजार से ज्यादा मरीजों को बिना दवा के ठीक किया। उनकी सेवा भाव से प्रभावित होकर प्रभावशाली लोगों ने उन्हें कैंप लगाने के लिए जगह उपलब्ध करायी। यहां तक की एक अधिकारी ने कलेक्ट्रेट में उन्हें तीन माह तक कैंप लगाने की अनुमति दे दी। उन्हीं से यह कला सीखकर आधा सैकड़ा से ज्यादा लोग नि:शुल्क समाज सेवा कर रहे हैं।
फीस न दवा, बस लोगों का इलाज
डाक्टर भगवानदीन एक्यूपे्रशर थेरेपी से मरीजों का इलाज करते हैं। मरीज की नब्ज टटोल कर उसकी बीमारी जान लेते हैं। फिर उस बीमारी को दूर करने के लिए शरीर के ही किसी खास अंग पर चुंबक, मेथी दाना या लकड़ी से प्रेशर देकर मरीज का इलाज शुरूकरते हैं। महज तीन से चार दिन में फायदा मिलना शुरूहो जाता है और कुछ समय बाद ही उस बीमारी से पूरी तरह निजात भी मिल जाता है।
इन्हें मिला स्वास्थ्य से लाभ
रायबरेली के जिला जज जकीउल्ला खां सीने में दर्द से परेशान रहते थे। उन्हे इस थैरेपी से लाभ मिला। इसके अलावा एडीएम साहब सिंह वर्मा, एएसपी सालिग राम वर्मा, एएसपी अशोक कुमार तिवारी समेत कई अधिकारियो, कर्मचारियों व नेताओं का इलाज किया जा चुका है। यहां सिटी मजिस्ट्रेट रहे ज्वाला प्रसाद को एड़ी में भयंकर दर्द होता था। एक्यूपेशर से एकसप्ताह के भीतर उन्हें फायदा मिला, जिसके बाद उन्होंने डाक्टर भगवानदीन को कलेक्ट्रेट में ही तीन महीने का कैंप लगाने की अनुमति दे दी। इस कैंप में कलेक्ट्रेट परिसर मेंं कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों व अधिवक्ताओं ने बढ ़चढ़कर भागीदारी की और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।
पूर्व विधायक के घर किया इलाज
लगभग 17 साल पहले सरेनी के पूर्व विधायक सुरेन्द्र बहादुर सिंह के घर तेजगांव में उन्होंने एक्यूपे्रशर का कैंप लगा। नौ दिन में नौ सौ से ज्यादा लोगों का इलाज किया गया। कैंप में मरीजों को इलाज की तकनीक भी बतायी गयी ताकि भविष्य में दिक्कत हो तो वे स्वयं अपना इलाज बिना दवा के कर सकंे।
और उठ खड़ी हुई बबली
सत्यनगर निवासी बबली यादव स्लिप **** और साइटिका के चलते चल नहीं पाती थीं। दो दिन घर पर इलाज हुआ तो बबली में पैदल चलने की हिम्मत आयी। वह तीन महीने तक लगातार रिफार्म क्लब आकर उपचार कराती रही। अब वह बिल्कुल ठीक है।
सेवाभाव करने से मिलती है खुशी
डाक्टर भगवानदीन बताते हैं कि मैं केवल इस शहर में सेवाभाव कर रहा हूं और ये चिकित्सा नि:शुल्क कर रहा हूं और रिफार्म क्लब में जो जगह मुझे दी गई है वह अधिवक्ता शंकर लाल गुप्ता ने उन्हें उपलब्ध करायी है। अधिवक्ता की कोहनी और कंधे में कई सालों से दर्द रहता था, जोकि एक्यूप्रेशर से ठीक हो गया। इसके अलावा दीवानी न्यायालय, गायत्री शक्तिपीठ, प्रेसक्लब व धार्मिक स्थलों में भी उनके निशुल्क कैंप लगाए जा रहे हैं।

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