कृषि उत्पादन आयुक्त और बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने अवकाश स्वीकृति से लेकर बकाया भुगतान में हो रही देरी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सिटीजन चार्टर लागू किया है। उन्होंने हर कार्य के लिए अधिकतम कार्य दिवस का निर्धारण कर कर दिया है और इसी तय अवधि में इसके निस्तारण के निर्देश दिए हैं।
हर जगह होती है वसूली
कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार की मानें तो कर्मचारियों को उनके सेवा संबंधी लाभ और देयों का भुगतान पाने में कई तरह की समस्याएं आती हैं। उन्हें शिकायत मिली हे कि अवकाश स्वीकृति से लेकर वेतन वृद्धि, पदोन्नति, बकाया भुगतान के बदले कर्मचारियों और अधिकारियों से मोटी रकम वसूली जाती है।
सबसे बड़ी बात है यह भी सामने आती है कि जिस संस्थान में वह कर्मचारी या अधिकारी तीस से चालीस साल तक अपनी सेवाएं देता है। उसी संस्थान या विभाग से उसे रिटायर होने के बाद अपने ही देयों के भुगतान के लिए चक्कर काटना पड़ता है। कर्मचारी के बकाया देय, पेंशन, ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण का भुगतान लेने के लिए महीनों तक दौड़ लगानी पड़ी है। वहीं गंभीर बीमारी से पीडि़त कर्मचारी या उनके आश्रितों के मेडिकल बिलों के भुगतान में भी देरी होती है और पैसे लेकर उनके भुगतान किए जाते हैं।
…तो होगी कार्रवाई
कृषि उत्पादन आयुक्त ने यूं ही नहीं यह व्यवस्था सिस्टम लागू करने जा रहे हैं। उन्होंने ने इस कारण से अर्जित, मातृत्व व पितृत्व अवकाश की स्वीकृति, वेतन वृद्धि, एसीपी की स्वीकृति, डीपीसी, अवशेषों का भुगतान, टीए व मेडिकल बिल भुगतान और सेवानिवृत्ति बाद के भुगतान के लिए समय सीमा तय कर दिया है। इससे रिटायर कर्मचारियों और अधिकारियों को काफी राहत मिलेगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त की मानें तो बेसिक, कृषि, पशुधन, मंडी, कृषि निर्यात, ग्राम विकास, पंचायतीराज, दुग्ध विकास, मत्स्य, भूमि सुधार और गन्ना सहित अन्य विभागों के प्रमुख सचिवों और विशेष सचिवों को निर्धारित समय में स्वीकृति और भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि निर्धारित समय सीमा के बाद भी प्रकरण को लंबित पाया गया या रखा गया तो उसे गलत नीयत से लंबित रखना मानते हुए संबंधित कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह से रहेगी व्यवस्था
-अर्जित अवकाश, मातृत्व अवकाश और पितृत्व अवकाश को ३ से ७ दिन में
-वेतन वृद्धि – निर्धारित तिथि पर
-एसीपी की स्वीकृति – जुलाई और जनवरी में हर साल
-डीपीसी – निर्धारित समय पर
-अवशेषों का भुगतान – कार्यालय आदेश जारी होने से अधिकतम सात दिन के अंदर करना होगा
-जीपीएफ से धन निकालने की स्वीकृति – सेवानिवृत्ति के दिन
-सेवानिवृत्त कर्मियों के सभी देयों, पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण की स्वीकृति – सेवानिवृत्ति के दिन ही देनी होगी
-यात्रा बिल भुगतान – बजट उपलब्ध होने पर अधिकतम सात दिन में। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर
-मेडिकल बिल भुगतान – मुख्य चिकित्सा अधिकारी या अपर निदेशक से सत्यापित बिल प्राप्त होने के बाद अधिकतम सात दिन में