प्रशासन अब बिना अनुमति अवैध तरीके से होने वाले बेसमेंट खनन पर रोक लगाने के लिए संयुक्त निगरानी टीम गठित करेगा। यह टीम निर्माण साइट पर छापेमारी कर अवैध खनन पाए जाने पर कार्यवाही करेगी। खनन प्रभारी एडीएम शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि आवासीय उपयोग के लिए या बेसमेंट बनाने के लिए मिट्टी खनन से पहले इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके लिए आवश्यक विभाग एलडीए आवास विकास और नगर निगम स्तर से स्वीकृत भवन नक्शे के साथ ही पर्यावरण विभाग की भी एनओसी लेनी होगी। इसके बाद ही खुदाई के लिए खनन विभाग से लाइसेंस जारी हो सकेगा। बिना लाइसेंस निर्माण स्थल पर चोरी छुपे खनन करने वाले भवन ठेकेदार और बिल्डरों पर कार्रवाई होगी। इसके लिए जिला प्रशासन,पुलिस और खनन विभाग की एक अलग टीम गठित की गई है जो औचक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लेगी।
कार्रवाई के घेरे में मुख्य तौर से एलडीए, आवास विकास सहित अन्य निजी बिल्डरों के ऐसे बड़े निर्माण कार्य होंगे जिनका विस्तार क्षेत्र 10 हज़ार वर्ग फीट से ज्यादा जमीन पर होगा। यह कमेटी गठित करने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं।
6.25 करोड़ रूपए वसूली बाकी खनन अनुभाग के अनुसार अवैध खनन के 80 से अधिक आरोपियों खिलाफ अब तक वसूली की आरसी जारी करने के बाद भी 6.25 करोड़ रूपए से अधिक की रॉयल्टी पेनलिटी राशि की रिकवरी अटकी है। इसमें 5.5 करोड़ की बकाया राशि अवैध बालू और मिटटी खनन और 75 लाख से अधिक बिना अनुमति बेसमेंट खोदाई के मामले में आरोपियों पर लगा कर रिकवरी बाद वसूली की आरसी जारी हुई थी।