scriptमुलायम, अखिलेश, मायावती व अन्य पूर्व सीएम को जारी हुआ नोटिस, कहा- खाली करो सरकारी आवास | Notice issued to former UP Chief ministers to leaving sarkari bunglows | Patrika News

मुलायम, अखिलेश, मायावती व अन्य पूर्व सीएम को जारी हुआ नोटिस, कहा- खाली करो सरकारी आवास

locationलखनऊPublished: May 17, 2018 10:46:33 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

उत्तर प्रदेश के राज्य संपत्ति विभाग ने छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिनों के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भेज दिया है.

BJP cabinet minister

Mayawati Mulayam

लखनऊ. आखिरकार वहीं हुआ जिसकी आज उम्मीद लगाई जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज देश शाम उत्तर प्रदेश के राज्य संपत्ति विभाग ने छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिनों के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भेज दिया है। मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुमति के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव , अखिलेश यादव , एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह , कल्याण सिंह, व मायावती को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।
कल बुधवार को ही मुलायम मिले थे सीएम योगी-

बुधवार को ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे। हालांकि वे किस बात को लेकर सीएम योगी से भेंट करने गए थे इस बात का खुलासा नहीं हो पाया पर माना जा रहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलने गए थे, जिससे कोई बीच का रास्ता निकल सके। लेकिन मुलाकात के एक दिन बाद ही जिस तरह राज्य संपत्ति विभाग ने नोटिस जारी किया है, उससे लगता नहीं हैं कि दोनों की बातचीत में इस बात का जिक्र हुआ था या फिर अगर हुआ था तो कोई खास निष्कर्ष नहीं निकला था। आपको बता दें कि जिन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी हुआ इै उनमें सबसे बड़ा बंगला सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का ही है, जो राज्य संपत्ति विभाग के सूत्रों के अनुसार 2,436 वर्गमीटर में फैला है और इसमें 25 कमरे हैं। मुलायम सिंह यादव ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि उनके पास दो महीने का वक्त है जिसमें वो अपनी बात रखेंगे। कोर्ट के फैसले पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि आवास खाली कर देने से क्या देश की हालत सुधर जाएगी?
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश-

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एक बार कोई सीएम अपने पद से हट जाता है तो वह एक आम नागरिक हो जाता है। एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक आम नागरिक में कोई अंतर नहीं रह जाता है। ऐसे में कोर्ट ने यूपी मिनिस्टर्स सैलरिज, अलाउंस और अन्य सुविधा वाले कानून में संशोधन को असंवैधानिक करार दिया था।
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