लखनऊ

बदल गए कई नियम-अब एफआईआर, दुकान लाइसेंस और वरासत ऑनलाइन

अब आनलाइन दर्ज करा सकेंगे एफआईआर।
 

लखनऊNov 01, 2018 / 02:11 pm

Ashish Pandey

बदल गए कई नियम-अब एफआईआर, दुकान लाइसेंस और वरासत ऑनलाइन

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनहित से जुड़े तीन महत्वपूर्ण कार्यों को एक नवंबर से ऑनलाइन कर दिया है। सभी नगर निगमों को निर्देश दिया गया है कि वे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को 30 दिन में जारी कर दें। इसके साथ ही 45 दिन के भीतर नामांतरण से जुड़े मामले निपटने के निर्देश दिए गए हैं। यह सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इसके अलावा राजस्व परिषद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उत्तराधिकार और वरासत से जुड़े मामलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की है। उधर, पुलिस विभाग ने एफआईआर दर्ज कराने और चरित्र सत्यापन के लिए मोबाइल एप लांच कर दिया है। अब ऑनलाइन एफआईआर दर्ज हो सकेगी। एफआईआर के लिए लोगों को अब थाने का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
निकायों में जनहित गारंटी अधिनियम लागू
प्रदेश के सभी नगर निकायों में एक नवबंर से जनहित गारंटी अधिनियम लागू कर दिया गया है। सेवाओं के लिए समय सीमा तय कर दी गयी है। नगर निगमों में 30 दिन में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाएगा। इसी तरह संपत्तियों के कर निर्धारण और नामांतरण का काम 45 दिनों में पूरा हो जाएगा। पेयजल, सीवर कनेक्शन, रिक्शा चालक, खाद्य सामग्री बेचने वाले और अन्य तरह के लाइसेंस के लिए भी अधिकतम समय सीमा 20 दिन निर्धारित कर दी गई है। इस सभी कार्यों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। तय सीमा में काम न करने पर संंबंधित के खिलाफ शिकायत की जा सकेगी।
जनसेवा केंद्र से ऑनलाइन आवेदन
खतौनी से उत्तराधिकार और वरासत के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की गयी है। दर्ज खातेदार की मृत्यु, विवाह और पुर्नविवाह की स्थिति में उत्तराधिकार और वरासत के लिए राजस्व परिषद की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह सुविधा जनसेवा केंद्रों पर भी उपलब्ध होगी। आवेदन मिलने के बाद ऑनलाइन सेवा के जरिए ही लेखपाल की जांच रिपोर्ट पर राजस्व निरीक्षक खतौनी में वरासत और उत्तराधिकार दर्ज करने का निर्देश जारी करेंगे। राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट से असंतुष्ट होने पर तहसीलदार न्यायालय में अपील दायर की जा सकेगी।
ऑनलाइन दर्ज होगी एफआईआर
तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय थानों से जुड़ा है। अब लोगों को एफआईआर दर्ज कराने, चरित्र सत्यापन और पुलिस से जुड़ी अन्य सुविधाओं के लाभ के लिए अब थानों और पुलिस अफसरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। यूपी कॉप सिटीजन एप की मदद से न केवल ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज हो सकेगी बल्कि चरित्र का सत्यापन भी हो जाएगा। अपने मोबाइल एप के जरिए पुलिस से जुड़ी 27 सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। इसमें एफआईआर, प्राथमिकी की स्थिति, किरायेदार और नौकर का सत्यापन, जुलूस और हड़ताल पंजीकरण, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चरित्र सत्यापन आदि की सुविधा मिलेगी। इसके लिए ऑनलाइन शुल्क भी जमा किया जा सकेगा।
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