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यूपी कैबिनेट -डाक्टरों से उठा भरोसा- शिक्षा मित्रों को कुछ नहीं

locationलखनऊPublished: Sep 12, 2017 08:47:00 pm

Submitted by:

Anil Ankur

अब यूपी में दवाओं की खरीद के लिए मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन का गठन

cm yogi adityanath

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आईएएस अधिकारी कराएंगे दवाओं की खरीद
लखनऊ। यूपी सरकार का डाक्टरों से भरोसा उठ गया है। अब इसलिए सरकार ने डाक्टरों के हाथों होने वाली खरीद खरोफ्त का अधिकार छीन लिया है। मेडिकल सामान और दवाएं खरीदने के लिए यूपी में मेडिकल कार्पोरेशन बनाने का फैसला मंगलवार को राज्यमंत्रिपरिषद की बैठक ने लिया है। इस कारर्पोरेशन का मुखिया डाक्टर नहीं आईएएस अधिकारी होगा। इसके अलावा लम्बे समय से दो जून की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे शिक्षा मित्रों को भी सरकार ने इस बार कुछ नहीं दिया। फिलहाल प्रदेश सरकार ने आज की कैबिनेट में जो भी फैसले लिए हैं उनमें से अधिकांश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से ताल्लुक रखते हैं।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार ने सुल्तानपुर में 10 किलोवाट के एफ एम रेडियो स्टेशन बनाने के लिए जमीन देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत प्रोत्साहन योजना शुरू करने का भी फैसला किया है। इसके साथ ही अब राज्य सरकार 14वें वित्त आयोग के अनुबंध के हिसाब से यूपी की 612 परियोजनाओं के लिए 791 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च वहन करेगी।
राज्य मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि यूपी में स्वास्थ्य विभाग में होने वाली हर खरीद अब ई टेंडरिंग व्यवस्था से होगी। दवाएं और उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में भी जल्द बदलाव ताजी व्यवस्था से शुरू कराने के लिए विभागीय तौर पर पिरवर्तन करने के निर्देश आज ही जारी कर दिए गए हैं। अब ई-टेंडरिंग से स्वास्थ्य विभाग में खरीद होगी। इसके लिए यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन बनाए जाने का आज फैसला हुआ है तो यह कार्पोरेशन ही आगे होने वाली खरीद में शामिल होगा।बताया जाता हैै कि इस बार औषधि खरीद का बजट 817 और उपकरण खरीद का बजट 400 करोड़ का है। सरकार को इस खरीद बजट के मुताबिक काम करना होगा।
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि नई व्यवस्था से दखा और मेडिकल उपकरण खरीद में फैले भ्रष्टाचार पर नियंत्रण होगा। अधिकारी और कर्मचारी सब की जिम्मेदारी तय की जाएगी। अभी तक इसी की कमी थी। जिसकी जो मर्जी होती थी वह उस हिसाब से दवाएं खरीद लेता था और उसके बाद मनमाने तरीके से खरीद कर लेता था। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार के इस फैसले का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विरोध भी करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति को डाक्टरी और दवाओं के बारे में कुछ नहीं पता तो वह दवा और मशीन की उपयोगिता के बारे में क्या फैसला ले पाएगा। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया है।
इसी प्रकार शिक्षा मित्र भी कैबिनेट में उनके लिए कोई प्रस्ताव न लाए जाने पर आचश्र्य व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि योगी सरकार से शिक्षा मित्रों को काफी उम्मीद थी, लेकिन आज सरकार ने उनके बारे में कोई निर्णय न लेकर धोखा दिया है। शिक्षा मित्र फिर से आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं।
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