मुख्यमंत्री ने निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की व्यवस्था के बारे में पूछा। उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति के विषय में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भागीरथी पर्यटक आवास गृह का निर्माण कार्य प्रत्येक दशा में अक्टूबर, 2020 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ-2021 में आने वाले श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु थर्ड पार्टी के रूप में भारत सरकार के केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की की सेवाएं ली जा रही हैं। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, विशेष सचिव/प्रबन्ध निदेशक पर्यटन शिव पाल सिंह तथा पर्यटन निगम एवं कार्यदायी संस्था उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के अधिकारीगण उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि भागीरथी पर्यटक आवास गृह में कुल 100 कक्ष निर्मित किए जा रहे हैं, जो आधुनिक सुख-सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। इसके अतिरिक्त, आवास गृह में बैंक्वेट हाॅल, रेस्टोरेण्ट व अन्य समस्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह आवास गृह हरिद्वार एवं उत्तराखण्ड के अन्य पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं हेतु आवासीय एवं जलपान की सुविधा उपलब्ध कराएगा।
पर्यटक आवास गृह में आने वाले अतिथियों को होटल अलकनन्दा की भांति ही गंगा स्नान की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ ही, अधिकांश कक्षों से गंगा नदी, चण्डी देवी तथा मनसा देवी मन्दिरों के दृश्य सीधे मिल सकेंगे। भागीरथी पर्यटक आवास गृह दिल्ली-माणा राजमार्ग संख्या-58 पर अवस्थित होने के कारण यह पर्यटकों हेतु आसानी से पहुंचने योग्य होगा।
इस पर्यटक आवास गृह के निर्माण के पश्चात होटल अलकनन्दा को उत्तराखण्ड सरकार को हस्तान्तरित कर दिया जाएगा और एक ही परिसर में दोनों सरकारें एक-एक पर्यटक आवास गृह चलाते हुए पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराएंगी। दोनों आवास गृहों हेतु पार्किंग की सुविधा संयुक्त रूप से उपलब्ध रहेगी। पार्किंग सुविधा का विकास भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परियोजना के अन्तर्गत किया जाएगा।