साथ ही खुले में जानवर काटना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। पहले शहरी निकाय द्वारा तय की जगह पर जानवरों को स्लॉटर करने की परमिशन थी। स्लॉटर हाउस के संचालन और निर्माण की व्यवस्था को संशोधित करने के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है।
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सत्र नहीं चल रहा है और स्लॉटर हाउसों के संचालन के लिए यह संशोधन जरूरी था, लिहाजा सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा। अध्यादेश में नगर पालिका ऐक्ट-1916 और नगर निगम ऐक्ट-1959 में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के बाद शहर से बाहर ही स्लॉटर हाउस बनाने की अनुमति दी जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि एनजीटी और केंद्र सरकार के आदेश भी हैं कि इन्हें शहर से बाहर होना चाहिए ताकि प्रदूषण न हो। मौजूदा समय में शहर के भीतर स्थापित स्लॉटर हाउसों को हटाने के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल यह फैसला आगे बनने वाले स्लॉटर हाउसों पर लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अब निजी तौर पर लोग स्लॉटर हाउस बनवाकर उनका संचालन कर सकेंगे। शहरी निकाय केवल स्लॉटर हाउसों पर नियंत्रण रखेंगे। इसी प्रकार अन्य फैसलों की भी जानकारी उन्होंने दी।